दिल्ली के तमाम सीनियर ऑफिसर भी रतन लाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे
नई दिल्ली
दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में पिछले दो दिनों से फैली हिंसा को रोकने के दौरान जान गंवाने वाले हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल को मंगलवार को किंग्सवे कैंप स्थित पुलिस लाइन में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले इस वीर सिपाही को श्रद्धांजलि देने खुद दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक पहुंचे। इसके अलावा गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और उपराज्यपाल अनिल बैजल भी पुलिस लाइन पहुंचे और हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल को श्रद्धांजलि दी।
इसके अलावा दिल्ली पलिस के तमाम सीनियर ऑफिसर भी रतन लाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सोमवार को गोकुलपुरी इलाके में उग्र भीड़ को शांत कराने के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई थी। मालूम हो कि दिल्ली हिंसा में अब तक हेड कॉन्स्टेबल सहित नौ लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा शाहदरा के डीसीपी अमित कुमार और करीब 16 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं।
मासूम सिद्धि कनक और राम भीड़ को चुपचाप निहार रहे
सोमवार को चरम पर पहुंची उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा में बेकसूर हवलदार रतन लाल की मौत हो गई थी। बबाल में बेकसूर पति के शहीद होने की खबर सुनते ही पत्नी पूनम बेहोश हो गई, जबकि खबर सुनकर घर के बाहर जुटी भीड़ को चुपचाप निहार रही सिद्धि (13), कनक (10) और राम (8) की भीगी आंखों में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से सवाल था, ‘हमारे पापा का कसूर क्या था?’
रतन लाल दिल्ली पुलिस के वही बदकिस्मत हवलदार थे, जिनका कभी किसी से लड़ाई-झगड़े की बात तो दूर, ‘तू तू मैं मैं’ से भी वास्ता नहीं रहा। इसके बाद भी सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र में उपद्रवियों की भीड़ ने उन्हें घेर कर मार डाला।
1998 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे रतन लाल
रतन लाल मूलत: राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर तिहावली गांव के रहने वाले थे। सन् 1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। साल 2004 में जयपुर की रहने वाली पूनम से उनका विवाह हुआ था।