परनिंदा भी किसी बड़े वायरस से कम नहीं – मैथिलीशरण
रायपुर
आजकल चारों ओर कोरोना वायरस का खौफ बना हु्आ है। लेकिन किसी बड़े वायरस से कम नहीं हैं दूसरों की परनिंदा करना। नाक में मॉस्क लगाकर आप कोरोना के संक्रमित होने से बचने का प्रयास कर रहे है, लगाना भी चाहिए। लेकिन आज के समाज में लोगों को कान और मुंह पर मास्क लगाना ज्यादा जरुरी हो गया है ताकि निंदा व बुराई रुपी वायरस संक्रमित न कर सकें। इन दोनों पर मॉस्क लगा होगा तो न बोलेंगे- न सुनेंगे। यह जानने के लिए सत्संग में आना होगा,लेकिन लोगों के पास समय ही नहीं है। प्रेम के स्वरुप को जाने क्योंकि हम आप सब भी आज जीवन में समुद्र मंथन ही कर रहे है।
श्री महामाया देवी मंदिर परिसर में श्रीराम कथा सत्संग में संतश्री मैथिलीशरण भाईजी ने बताया कि किसी के अंदर कोई पतन आ गया तो उस व्यक्ति में दोष मत देखो इसलिए कि हमारी आपकी नाव भी समुद्र में है, दूसरों की आलोचना बंद कर नाव चलाओ। जिस पगडंडी पर संत महापुरुष चले है उसी रास्ते पर चलना सीखो।
जो है उसका उपयोग करो
कार्य नहीं,बल्कि कार्य करने की शैली पद्धति मायने रखती है। दृष्टि मिल गई तो दृष्टिकोण बदल जाएगा, पंचतत्व जीवन में नितांत आवश्यक है। जो खो गया है उसकी चिंता न करें, जो वर्तमान में है उसका उपयोग करना शुरू करो तो जो नहीं है वह भी आ जाएगा।
आज भी मंथन कर रहे हैं
आज भी जीवन में समुद्र मंथन ही तो कर रहे है,आना और जाना। सुख की प्राप्ति के लिए यह सब कर रहे है लेकिन अंदर झांक कर देख लें कि वह सुख मिल रहा है या नही। इसलिए सुख हो या दुख जो भी मिले भगवान का प्रसाद मानकर प्रेम से स्वीकार कर लो।
संसार में शिव को नहीं देखेंगे तो विष से डरेंगे
जिसे हम नहीं चाहते वह विष और जिसे चाहते है वह अमृत है। जिन्हें भगवान राम के नाम पर भरोसा नहीं वही विष से डरता है। प्रेम तत्व देखना है तो शिव से सीखे,जो जली हुई चिता की राख भी माथे पर लगाते है और हम है कि मृत्यु के 24 घंटे के भीतर मृत शरीर की क्रिया-कर्म कर दूरी बना लेते है। जब शिव को देखेंगे तो कोई सर्प दिखाई नहीं देगा।
चमत्कारी हंै तो दान पेटी क्यों लगाया
भाईजी ने आज के चमत्कारी बाबाओं पर सांकेतिक रुप से सवाल उठाया और आगाह भी किया लोगों से बचने का। भगवान ने जिसे जैसा रहना है वैसा ही बनाया है। चमत्कार दिखाकर चांदी के लोटे में सोने की अशरफी लाने वाले बाबाओं से एक ही सवाल फिर आप अपने आश्रम में दान पेटी क्यों लगा रखे हैं?
परमप्रिय को क्यों नहीं करते याद
जब सब कुछ नष्ट हो जाता है,पराभव आ जाता है तो ताऊ, चाचा, भाई को याद करते है। वे आपको मदद नहीं करने वाले, उस परमप्रिय राम को पुकारिए वही आपका कल्याण करेंगे।