कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर की बेहतर इलाज की मांग, निर्भया के दोषी विनय का एक और पैंतरा
नई दिल्ली
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के मामले में चारों दोषियों में से एक विनय ने गुरुवार को दिल्ली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वकील एपी सिंह के जरिए से विनय शर्मा ने बेहतर उपचार की मांग की है। अदालत ने विनय शर्मा की उस याचिका पर तिहाड़ जेल के अधिकारियों से जवाब मांगा। याचिका में विनय ने तथाकथित मानसिक बीमारी शिजोफ्रेनिया और सिर तथा हाथ की चोट के उपचार का आग्रह किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शनिवार को दोषी की याचिका पर अपना जवाब प्रस्तुत करें। जेल अधिकारियों के अनुसार, विनय ने जेल की अपनी कोठरी में दीवार पर सिर मारकर खुद को घायल कर लिया।
अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों-मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय और अक्षय कुमार के खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी कर उन्हें आगामी तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाने का निर्देश दिया था। यह तीसरी बार है जब चारों दोषियों के खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी किया गया है।
विनय ने जेल की दीवार में मारा सिरा
फांसी की सजा से बचने के लिए निर्भया के दोषी विनय ने एक और तिकड़म अपनाया। 16 जनवरी को निर्भया के दोषी विनय ने जेल की दीवार से सिर मारा, जिसमें वह मामूली रूप से घायल हो गया। इससे पहले विनय तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर चला गया था। विनय तिहाड़ जेल के तीन नंबर सेल में अकेला बंद है। 16 फरवरी को उसने दीवार में सिर और मुक्का मारा, जिससे वह घायल हो गया। सेल में ही डॉक्टर ने उसका उपचार किया था। सेल के बाहर बैठे वार्डन भी बचाने के लिए नहीं पहुंचा था। जेल के सूत्रों का कहना है कि वह तनाव में आ गया है, जिसकी वजह से उसने ऐसा किया। दोषी विनय को मनोचिकित्सक से भी दिखाया गया था।
क्या है मामला:
दिल्ली के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस जघन्य घटना के बाद पीड़िता को इलाज के लिए सरकार सिंगापुर ले गई जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।