November 24, 2024

नॉर्थ-ईस्ट से कोई नहीं हटा सकता 371: अमित शाह

0

ईटानगर
अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि अरुणाचल और मिजोरम से कोई भी राज्य का दर्जा नहीं वापस ले सकता है। पूर्वोत्तर की संस्कृति को बचाने के प्रति सरकार की कटिबद्धता जाहिर करते हुए शाह ने कहा कि आर्टिकल 371 न ही कोई हटा सकता है और न उसे हटाने की कोई मंशा है। बता दें कि शाह अरुणाचल के 34वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

'कोई नहीं हटा सकता आर्टिकल 371'
इस मौके पर शाह ने कहा, 'जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया जा रहा था तब नॉर्थ ईस्ट में ये अफवाहें भी उड़ रही थीं कि आर्टिकल 371 भी हटा दिया जाएगा लेकिन अरुणाचल और मिजोरम के स्थापना दिवस पर मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी आर्टिकल 371 को हटा नहीं सकता और न ही किसी की ऐसी मंशा है।' बता दें कि आर्टिकल 371 से ही नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों को विशेष अधिकार मिले हैं। इनके जरिए यहां की संस्कृति और पारंपरिक कानूनों की रक्षा की जाती है।

'2024 तक मिल जाएगी उग्रवाद से आजादी'
शाह ने कहा कि 2014 से पहले नॉर्थ ईस्ट सिर्फ भौगोलिक और प्रशासनिक रूप से भारत से जुड़ा था लेकिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से अब नॉर्थ ईस्ट हमारे दिलों और आत्मा से भी जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार उग्रवाद और सीमा से जुड़े मुद्दों का समाधान करने कि लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा, 'हम जब 2024 में आपके पास वोट मांगने आएंगे तो नॉर्थ ईस्ट उग्रवाद और राज्य की सीमाओं जैसी समस्याओं से आजाद हो चुका होगा।'

क्यों खास है 371?
बता दें कि आर्टिकल 371 का दायरा नॉर्थ-ईस्ट से लेकर महाराष्ट्र और गुजरात तक है। हालांकि, अमूमन चर्चा नॉर्थ-ईस्ट की ही होती है। इसके तहत सबसे अधिक अधिकार नगालैंड को हासिल हैं, जहां बाहर से कोई जाकर जमीन नहीं खरीद सकता और संसद से पास कई कानून अब भी लागू नहीं होते। उनके कई कानून अपनी नागा संस्कृति और कायदे से संचलित होते हैं और इसमें आगे का रास्ता क्या हो, इस पर पिछले कई सालों से केंद्र और राज्य में इसके पैरोकारों के बीच वार्ता भी चल रही है।

इसी तरह सिक्किम में जमीन पर न सिर्फ पूरी तरह स्थानीय लोगों को संरक्षण मिला है बल्कि इससे जुड़े मसले सिक्किम से बाहर की अदालत में भी नहीं जा सकते हैं। इसी तरह इसी अनुच्छेद के तहत महाराष्ट्र और कर्नाटक के 6 जिलों को विशेष अधिकार मिला हुआ है। इसके अंतर्गत इनके लिए अलग बोर्ड गठित है और सरकारी नौकरियों में भी तरजीह मिलती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *