November 23, 2024

सेहत के लिए लाभकारी होता है गरम मसाला

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खाने का स्‍वाद बढ़ाने के लिये भारत की लगभग हर रसोई में गरम मसाले का प्रयोग किया जाता है। वे लोग जो खाने में तेल मसाले का इस्‍तेमाल नहीं करते उन्‍हें गरम मसाले से होने वाले फायदों से वंचित रहना पड़ता है। जी हां, गरम मसाला न सिर्फ खाने का स्‍वाद बढ़ाता है बल्‍कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद गुणकारी है। गरम मसाला 10 से अधिक मसालों को पीस कर तैयार किया जाता है। बता दें कि प्राचीन भारत में गरम मसाले का निर्माण पानी से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिये किया गया था। अगर आप फिट रहना चाहते हैं तो अपने भोजन में एक छोटा चम्‍मच गरम मसाला जरूर प्रयोग करें। यहां जानें इसके फायदे…

​गर्मी के मौसम में गरम मसाला बनाने की विधि

सामग्री-

    साबुत धनिया- 100 ग्राम
    सफेद जीरा-100 ग्राम
    सेंधा नमक – 50 ग्राम
    सफेद मिर्च – 50 ग्रा
    कलौंजी- 20 ग्राम
    दालचीनी – 20 ग्राम
    छोटी इलायची- 20 ग्राम
    तेजपत्ता-10 ग्राम
    सोंठ या सूखे अदरक का पाउडर – 10 ग्राम
    हल्दी-10 ग्राम

इस गरम मसाले को गर्मी के मौसम में प्रयोग करने से लाभ मिलता है। इससे शरीर में गर्मी नहीं बढ़ती, पेट के रोग दूर होते हैं और पेट के अल्‍सर से भी छुटकारा मिलता है।

​कब्‍ज से दिलाए राहत
गरम मसाला खाने से पाचन क्रिया तेज होती है जिससे कब्‍ज की समस्‍या से राहत मिलती है। वे लोग जो अपने खाने में गरम मसाले का उपयोग नहीं करते, वे हमेशा कब्‍ज से परेशान ही रहते हैं।

​वजन घटाए
गरम मसाला खाने से बॉडी का फैट भी बर्न होता है। रिसर्च के अनुसार गरम मसाले में फाइबर पाया जाता है, जिसका सेवन किया जाए तो वजन घट सकता है। फाइबर से जुड़ी अन्‍य चीजों के साथ गरम मसाला लेना भी फायदेमंद होता है।

​भूख बढ़ाए
जिन लोगों को कम भूख लगती है उन्‍हें गरम मसाला जरूर खाना चाहिये। इससे पेट में पाचन रस बढ़ेगा। गरम मसाले में लौंग और जीरा होता है जो कि पेट की एसिडिटी को कम करके पेट फूलने की समस्या को दूर करता है।

​शरीर का मेटाबॉलिज्‍म बढाए
यदि शरीर का मेटाबॉलिज्‍म बढेगा तो वजन अपने आप कम होगा। यही नहीं शरीर का मेटाबॉलिज्‍म जितना अच्‍छा होगा आप उतने ऊर्जावान और ऐक्टिव बनेंगे। गरम मसाले में काली मिर्च होता है जो कि इस काम के लिए बेहद कारगर होती है।

​मधुमेह की समस्या में
गरम मसाले को तैयार करने में कई प्रकार के मसाले का प्रयोग किया जाता है। जिसमें से जीरा एक एंटी-डायबिटिक एजेंट माना जाता है। यह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है।

​एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरा
जीरा, दालचीनी और काली मिर्च में भी एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं। मसाला खाने से चयापचय संशोधित होता है और आपकी हृदय गति नियंत्रित रहती है।

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