मलेशिया के MH370 विमान को पायलट ने ही डुबाया था: टोनी एबॉट
सिडनी
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने दावा किया है कि मलेशिया के टॉप लेवल के अधिकारियों का मानना है कि MH370 फ्लाइट को उसके कप्तान ने जानबूझ कर गायब किया। दावा है कि कप्तान आत्मघाती था, जिसने फ्लाइट में सवार सभी लोगों की जान ले ली। हालांकि, उन्होंने अपने इस बयान को साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है।
बता दें कि मलेशिया की ये एयरलाइन MH370 8 मार्च 2014 को गायब हो गई थी, जिसमें घटना के वक्त 239 लोग मौजूद थे। इनमें अधिकतर लोग चीन से थे, जो कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहे थे। हिंद महासागर के करीब 1.20 लाख वर्ग किलोमीटर की खोजबीन में भी इस जहाज का पता नहीं चला। ये सर्च जनवरी 2017 तक चली थी, जो अब तक की एविएशन एंडस्ट्री की सबसे बड़ी खोजबीन थी, लेकिन बावजूद इसके जहाज का कोई सुराग नहीं मिला।
अमेरिका की एक एक्सप्लोरेशन फर्म ने 2018 में प्राइवेट तरीके से भी इसकी खोज करनी चाही, लेकिन कुछ महीनों बाद ही उन्होंने अपनी खोजबीन बंद कर दी, क्योंकि उन्हें भी कुछ हाथ नहीं लगा। जब से MH370 विमान गायब हुआ है, तब से लेकर अब तक तमाम थ्योरी सामने आईं। लेकिन अब विमान के पायलट जहारी अहमद शाह को लेकर जो थ्योरी टोनी एबॉट ने बताई है उसने सबको हैरान कर दिया है।
स्काई न्यूज डॉक्युमेंट्री में एबॉट ने कहा है कि उन्हें मलेशिया का विमान गायब होने के करीब महीने भर में ही ये बता दिया गया था कि संभवतः उस विमान को खुद उसके पायलट ने ही जानबूझ कर डुबाया था। उन्होंने कहा कि मलेशिया की सरकार के टॉप लेवल के अधिकारियों के अनुसार पायलट ने आत्महत्या की और साथ ही विमान में मौजूद सैकड़ों लोगों के नरसंहार की वजह बना।
मैं ये नहीं बताने जा रहा हूं कि किसने किसे क्या कहा, लेकिन टॉप लेवल के अधिकारी यही मानते हैं कि उस घटना के लिए पायलट ही जिम्मेदार है, जिसने जानबूझ कर प्लेन को डुबा दिया। हालांकि, पायलट जहारी अहमद शाह के परिवार ने टोनी एबॉट के इस दावे को सिरे से खारिज किया है।
मलेशिया के सिविल एविएशन रेगुलेटर के पूर्व चीफ अजहरुद्दीन अब्दुल रहमान ने टोनी एबॉट के दावे पर कहा है कि उस दावे को साबित करने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक थ्योरी है। बता दें कि जब MH370 विमान गायब हुआ था तब अजहरुद्दीन ही सिविल एविएशन रेगुलेटर चीफ थे। उन्होंने कहा कि ऐसे दावों से मरने वालों के परिजन दुखी होंगे। पायलट का परिवार भी काफी बुरा महसूस करेगा, क्योंकि आप एक ऐसा दावा कर रहे हैं, जिसका आपके पास कोई सबूत नहीं है।
2016 में मलेशिया के अधिकारियों ने बताया था कि पायलट ने हिंद महासागर से ऊपर का रास्ता चुन लिया था, लेकन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि पायलट ने जानबूझ कर ही प्लेन क्रैश किया हो। इस हादसे की फाइनल रिपोर्ट 2018 में आई थी, जिसमें ये कहा गया था कि प्लेन का रास्ता मैनुअल तरीके से बदला गया था। लेकिन फिर भी वह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके थे।