बलौदा बाजार सिटी कोतवाली पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल, आधी रात धरने पर क्यू बैठ गए अधिवक्ता
अर्जुनी – सार्वजनिक स्थान पर शराब के नशे में गाली गलौज करने वाले युवाओं को मना करने पर नशे में धुत दर्जनों युवा बलौदा बाजार के अधिवक्ता से ही भीड़ गए नशे में धुत युवा धक्का-मुक्की पर भी उतारू हो गए वे यहां नहीं रुके फोन पर अपने साथियों को एक-एक कर बुला लिया और अधिवक्ता दीनबंधु देवांगन और उसके भतीजे के साथ हाथापाई करने लगे इस बात की जानकारी स्वयं अधिवक्ता दीनबंधु देवांगन ने पुलिस प्रशासन को लिखे एक पत्र में दी उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अब सिटी कोतवाली बलौदा बाजार छत्तीसगढ़ के पुलिस के अधिकारी अब अधिवक्ताओं को भी नहीं सुन रहे हैं और उन पर भी आपराधिक मामले दर्ज करने में पूरी मुस्तैदी और कर्तव्य परायण का मिसाल पेश कर रहे हैं उक्त सिलसिले में देवांगन ने बताया कि घटना 16 फरवरी की रात्रि 9:30 के दरमियान उनके घर स्थित कार्यालय के पास चार से पांच की संख्या में युवा सार्वजनिक जगह पर शराब का सेवन कर गाली गलौज कर रहे थे तब मैं अपने कार्यालय में बैठकर अपना काम कर रहा था जैसे ही बैठे हुए युवा शराब के नशे में मदमस्त थे गाली देते सुनकर उनको मना करने लगा तो वे लोग मुझसे ही उलझ कर धक्का-मुक्की करने लगे और अचानक ही 40 50 की संख्या में और युवा वहां बुला लिए उग्र भीड़ मेरे वह मेरे भतीजा के साथ मारपीट पर उतारू हो गए मेरे घरवाले अगर बीज बचाव नहीं करते तो उग्र भीड़ मेरी हत्या तक कर सकती थी इस हरकत के बाद से लोगों में पुलिस के इस रवैए को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है पुलिस को जो उपद्रवियों के खिलाफ कार्यवाही करनी थी वही सभ्रांत परिवार की बात ही नहीं सुनने पर नाराजगी देखी जा रही है अधिवक्ता देवांगन ने कहा कि वे प्रशासनिक अफसरों की व्यस्तता समझते हैं और खुद कानून को जानते हैं उन्हें कानून और कानून के पहरेदार ऊपर भरोसा है ,देर से ही सही दुरुस्त आएँगे।वर्ना रास्ते तो अहिंसा के खुले हुए है। ऐसे में सिटी कोतवाली पुलिस के कार्यप्रणाली संदिग्ध और अपराधियों को संरक्षण देने वाली प्रतीत होता है ।अब मजबूर होकर मुझे थाने के सामने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अपने समर्थकों के साथ धरना देर रात 12:00 बजे देना पड़ा।
सरपंच प्रत्याशी होने की वजह से निकाल रहे थे रंजिश
विगत पंचायत चुनाव में गांव से ही सरपंच पद का प्रत्याशी रहा हूं इसलिए कुछ लोग रंजिश वश मुझसे बदला लेने की फिराक में थे और इस घटना के माध्यम से मेरी हत्या कर देने की साजिश रची गई थी अब उन्हीं लोगों का जब यह प्रयास सफल नहीं हुआ तो मेरे ही खिलाफ मामला थाना में पंजीबद्ध करा कर मुझे आरोपी बना दिया गया और मुझे जब इस बात की भनक लगी तो सिटी कोतवाली जाकर उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना चाहा तो पुलिस मेरा प्राथमिकी रिपोर्ट लिखने से मना कर उक्त प्रकरण में जांच करने की बात कही जा रही है।