महाकाल बनेंगे दूल्हा,निराले स्वरूपों के होंगे दर्शन
उज्जैन
वर्ष में कुल 12 शिवरात्रियां होती हैं, उसमें फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि महाशिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है। संहार, शक्ति व तमोगुण के अधिष्ठाता शिव की रात्रि महाशिवरात्रि, शिव आराधना की सर्वश्रेष्ठ रात्रि। इस वर्ष शिवरात्रि पर त्रयोदशी के साथ चतुर्दशी का संयोग चारों प्रहर की पूजा को कुछ खास बना रहा है। इस रात्रि में अनेकानेक आध्यात्मिक शक्तियां जाग्रत होंगी, जो वृति के मनोरथों को पूर्ण करेगी। इसी महारात्रि में जीवन रूपी चन्द्र का शिव रूपी सूर्य से सम्मिलन होगा, यही महाशिवरात्रि का महत्व है, क्योंकि चतुर्दशी के स्वामी स्वयं शिव हैं।
भगवान महाकाल 13 फरवरी से नौ दिन तक अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। आज से शिव नवरात्र प्रारंभ होगा। साथ ही प्रतिदिन भगवान श्री महाकाल एवं श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन किया जाएगा। जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंध समिति द्वारा तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
आज होगा शिव पंचमी का पूजन
शिवनवरात्रि के पहले दिन कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का शिव पंचमी पूजन किया जाएगा। भगवान महाकाल के पूजन बाद ब्राह्मणों द्वारा एकादश-एकादशनि रूद्राभिषेक पूरी शिवनवरात्रि के दौरान किया जाएगा। इसके बाद सुबह 10.30 पर होने वाली भोग आरती दोपहर में होगी। दोपहर 3 बजे संध्या पूजन व श्रंगार किया जाएगा। भगवान महाकाल को हल्दी, उबटन लगाकर नए वस्त्र, आभूषण धारण कराए जाएंगे। यह क्रम भी नौ दिन चलेगा। 21 फरवरीको महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। प्रतिदिन शाम को महाकाल परिसर स्थित सफेद मार्बल चबूतरे पर इंदौर निवासी पं. रमेश कानड़कर का नारदीय कीर्तन होगा।
हरसिद्धि चौराहे पर जूता स्टैंड, टोकन नंबर दिखाने पर शंख द्वार से करेंगे प्राप्त
प्रशासक एसएस रावत ने बुधवार को मंदिर समिति के अधिकारियों के साथ तैयारियों का जायजा लिया। प्रशासक रावत ने निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। महाशिवरात्रि पर्व पर व्यवस्थाओं की तैयारियों का जायजा लेते समय प्रशासक रावत ने बताया इस बार श्रद्धालुओं की चरण पादुकाओं की अलग से व्यवस्था की जाएगी। हरसिद्धि चौराहे के पास बने काउंटर पर जूता स्टैंड रहेगा। यहां से टोकन व काउंटर नंबर दिया जाएगा। दर्शन के बाद उनकी चरण पादुकाएं निर्गम के पास शंख चौराहे के सामने बने काउन्टर पर टोकन एवं काउंटर नंबर दिखाकर अपने जूते-चप्पल प्राप्त कर सकेंगे।
शीघ्र दर्शन पास के चार काउन्टर रहेंगे
शीघ्र दर्शन पास (250 रुपए टिकट) काउन्टर हरसिद्धि चौराहे पर रहेंगे। तीन काउन्टर जयसिंहपुरा रोड पर तथा एक हरसिद्धि चौराहे के पास रहेगा। इनसे भगवान महाकाल के शीघ्र दर्शन के लिए हरसिद्धि चौराहे से कतार में लगकर भस्म आरती द्वार (4 नंबर गेट) से मंदिर में प्रवेश करना होगा। निरीक्षण के दौरान उपप्रशासक पुष्पेन्द्र अहके, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, यूडीए ईई केसी पाटीदार, एई आरके ठाकुर, सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी, चन्द्रशेखर जोशी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी, महाकाल सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव आदि उपस्थित थे।