आदिवासी संस्कृति का संरक्षण प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक दायित्व
भोपाल
उप-राष्ट्रपति एम. वैंकय्या नायडू ने कहा है कि आदिवासी संस्कृति को अक्षुण्य बनाए रखकर जनजातियों को चहुंमुंखी विकास पथ पर आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य और संवैधानिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि आदिवासी भारत के मूल निवासी हैं। इनसे प्रकृति और पर्यावरण को संरक्षित एवं संवर्धित करते हुए जीवनयापन और विकास करने की प्रेरणा मिलती है। उप-राष्ट्रपति मण्डला जिले में गोंडवाना साम्राज्य के ऐतिहासिक स्थल रामनगर में दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उप-राष्ट्रपति नायडू ने कहा कि मण्डला के रामनगर में आदिवासी संस्कृति को जीवित रखने और युवाओं को उससे परिचित कराने के लिए आदिवासी महोत्सव का आयोजन प्रारंभ किया गया है। इसके माध्यम से आदिवासी शिल्प, संगीत, कला और संस्कृति आदि का प्रदर्शन किया जाता हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति के सरंक्षण के लिए केवल सरकारी प्रयास ही काफी नहीं है बल्कि इसमें समाज का भी योगदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में जन्म देने वाली माँ, जन्म-भूमि, मातृ-भाषा और देश को कभी नहीं भूलना चाहिए। जनजातीय वर्ग प्रकृति को माता के रूप में पूजता है। यह जनजातीय परंपरा सभी के लिए अनुकरणीय और प्रेरणास्पद है। उप-राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासियों को शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही समाज में जागृति और उन्नति आती है।
विकास के लिये शांति आवश्यक
वैंकय्या नायडू ने कहा कि विकास के लिए शांति आवश्यक है। शांति के बिना विकास नहीं किया जा सकता। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गौंड़ साम्राज्य की यह ऐतिहासिक धरती जनजातियों की भाषा, संस्कृति और जीवन पद्धति को संजोए रखने एवं उनके आर्थिक विकास में भागीदार बनेगी।
कार्यक्रम के पूर्व उन्होंने गोंडवाना साम्राज्य के शहीद राजाओं को पुष्प अर्पित कर श्रृद्धांजलि दी। नायडू ने जनजातीय नर्तक दल और उपस्थित जन-समुदाय का अभिवादन किया। नायडू ने इस मौके पर स्व-रोजगार और आपदा राहत के हितग्राहियों को प्रतीकात्मक रूप से हितलाभ का वितरण किया।
केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आदिवासी महोत्सव में आदिवासी संस्कृति, धरोहर और उनके विकास के साथ शिक्षा तथा उन्नति पर जोर दिया। महोत्सव में केन्द्रीय जनजातीय राज्य मंत्री मती रेणुका सिंह, राज्यसभा सदस्य सु संपतिया उईके, जिला पंचायत अध्यक्ष मती सरस्वति मरावी, विधायक देवसिंह सैयाम, सहित प्रशासनिक अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।