November 25, 2024

राजधनी में शासन द्वारा लाखो रुपय खर्च, प्रदेश के श्रम विभाग का बड़ा घोटाला :भंसाली

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राजधानी में शासन द्वारा लाखों रूपये खर्च कर आयोजित जेम की कार्यशाला सुपर फ्लोप, जैम की पद्धति से प्रदेश के श्रम विभाग द्वारा सायकल एवं सिलाई मशीन की खरीदी मे करोड़ो रूपयों का भ्रष्टाचार

 जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर,जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता नितिन भंसाली ने बताया की राजधानी में उद्योग विभाग एवं सी एस आई डी सी द्वारा पांच सितारा होटल में लाखों रूपये खर्च कर शासकीय विभागों द्वारा विभिन्न प्रकार की शासकीय खरीदी की प्रक्रीया के लिए केन्द्र सरकार की उपक्रम संस्था Government E-Marketplace की प्रक्रीया पर परामर्श हेतु व्यापारियों, उद्योगपतियों एवं शासकीय अधिकारियों के लिए आयोजित कार्यशाला को सुपर फ्लोप बताते हुए जैम की खरीदी प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाते हुए इसके नियमों में ढिल देते हुए स्थानिय व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को प्रदेश में शासकीय वस्तुओं की शासन में आपूर्ति किए जाने हेतु प्राथमिकता दिए जाने की बात रखते हुए शासन की पूर्व की खरीदी प्रक्रिया को भी शासकीय खरीदी में शामिल किए जाने की मांग प्रदेश शासन से की है।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रमुख प्रवक्ता नितिन भंसाली ने बताया की राजधानी में एक निजी होटल में आयोजित जैम की कार्यशाला में प्रदेश की व्यापारी एवं शासन के अधिकारियों को जैम के दिल्ली से आए हुए अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाना था, लेकिन यहां पर मजे की बात यह है कि जो अधिकारी या मार्गदर्शन देने यहां आए थे वे खुद ही प्रशिक्षित नही थे और वे स्थानिय व्यापारियों द्वारा पुछे गए सवालो का गोल माल जवाब देते हुए नजर आए जिस पर प्रदेश में इस प्रक्रिया की खुब किरकिरी हो रही है। नितिन भंसाली ने बाताया कि स्थानिय व्यापारियों द्वारा जैम के अधिकारियांे से पुछे गए सवाल में यह पुछा गया कि जैम का राज्य सरकार के साथ एम. ओ. यू. हो रहा है तो क्या राज्य सरकार अपने वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जारी आदेश जिसमें यह उल्लेख है कि शासन का कोई भी विभाग 15 लााख से ऊपर का क्रय मुल निर्माता से किए जाने वाले आदेश को निरस्त करेगी तो प्रशिक्षण देने वाले अधिकारी इस सवाल का जवाब नही दे पाए और यह कहा की इस संबंध में राज्य सरकार अपने क्रय नियम का पालन करेगी और इस संबंध में उनको विचार करना है।

नितिन भंसाली ने बताया कि कार्यशाला में एक स्थानिय व्यापारी द्वारा श्रम विभाग में साईकल और सिलाई मषीन की 400 करोड़ की खरीदी प्रक्रिया पर सवाल किया गया कि इसमें शासन ने दोनों वस्तुओ की खरीदी में 3 कम्पनियों को गुणवत्ता युक्त मानते हुए उनसे ही खारीदी किए जाने का आदेश जारी किया है यह किस आधार पर किया गया है, क्या इन तीन कम्पनियों के अलावा कोई और कम्पनी इस गुणवत्ता की सामाग्री का निर्माण नही करती है, इस सवाल पर भी जैम के अधिकारी कोई जवाब नही दे पाए। नितिन भंसाली ने प्रदेश में श्रम विभाग द्वारा 400 कारोड़ की साईकल और सिलाई मशीन की खरीदी प्रक्रिया में शासन मे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश का हवाला देते हुए सभी कलेक्टरों को भेजे गए पत्र का जिक्र करते हुए इस खरीदी मंे करोड़ों रूपयो के भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप भी शासन पर लगाते हुए इस प्रक्रिया को तत्काल रोकते हुए नियमानुसार खरीदी करते हुए ओपन टेन्डर कर सभी व्यापारियो को इसमें मौका दिए जाने की मांग की है।

नितिन भंसाली ने बताया कि शासन द्वारा 20 जुलाई 2017 को केबिनेट में छ.ग. भण्डार क्रय नियम मे संसोधन करते हुए यह आदेश जारी किया गया है कि अब कोई भी वस्तु की खरीदी का दर अनुबंध CSIDC नही करेगा फिर भी शासन के श्रम विभाग द्वारा आज दिनांक तक जैम की दरो से अधिक दरों पर CSIDC के दर अनुबंधों के आधार पर करोड़ो रूपयो की सायकल खरीदी किस आधार पर की जा रही है , क्यों आज दिनांक तक CSIDC में दर अनुबंध निरस्त नही किए गए है ? नितिन भंसाली ने शासन पर सायकल और सिलाई मषीन की खरीदी मे करोड़ो के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत प्रधनमंत्री कार्यालय मे किए जाने की बात कही है। उन्होने बताया कि जैम की प्रक्रिया के माध्यम से शासकिय खरीदी में गुणवत्ता का कोई भी मापदण्ड निर्धारित नही है जिससे लगातार भ्रष्टाचार की आशंकाए बनी हुई है।

नितिन भंसाली ने जैम की खरीदी प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाते हुए जेम की राजधानी में आयोजित कार्यशाला को सुपर फ्लोप बताते हुए CSIDC की खरीदी प्रक्रिया मे प्रसंसोधन करते हुए इसमे कागजों के आधार पर बड़ी चतुराई से किए जा रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाते हुए स्थानिय व्यापारियो के हित में शासन द्वारा तत्काल उचित निर्णय लेते हुए जेम की प्रक्रिया में आवश्यक संसोधन करते हुए निचले स्तर तक शासन के अधिकारियों को इसमें प्रशिक्षित दिए जाने के बाद ही इसको प्रदेश में लागू किए जाने की मांग प्रदेश शासन से की है।

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