यूपी के फिरोजाबाद में बड़ा हादसा, खड़े कंटेनर में जा घुसी बस, 14 यात्रियों की मौत
फिरोजाबाद
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक प्राइवेट बस खड़े हुए कंटेनर में घुस गई। इस दर्दनाक हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 22 यात्री घायल हो गए। घायल यात्रियों में से सात लोगों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। बस में 40-45 यात्री सवार थे। बताया जा रहा है कि यह हादसा इतना खतरनाक था कि बस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई जिसे क्रेन से खीचकर कंटेनर से अलग किया गया।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर तेज गति से जा रही एक प्राइवेट बस बुधवार की देर रात 10:30 बजे फिरोजाबाद के नगला खंगर थाना क्षेत्र के भदान के आसपास खड़े कंटेनर में जा घुसी। बस संख्या (यूपी 53 एफटी 4629) दिल्ली से लखनऊ की ओर जा रही थी। टक्कर होते ही चीख पुकार मच गई। आसपास के लोग मौके पर दौड़े। यूपीडा की राहत टीम भी सूचना के बाद मौके पर पहुंची। नगला खंगर पुलिस और डायल 112 भी पहुंच गई।
बस में सवार यात्री बुरी तरह से फंस गए थे। हादसे में मौके पर ही 14 लोगों की मौत हो गई, वहीं करीब दो दर्जन घायलों को लोगों ने बाहर निकाला और शिकोहाबाद के सरकारी अस्पताल में भिजवाया। सूचना के बाद एसएसपी सचिंद्र पटेल भी पहुंच गए। वे भीड़ को कई थानों की फोर्स के साथ मौके से हटवाकर बस को कंटेनर से निकलवाने में जुटे रहे। मृतकों की पहचान नहीं हो पा रही थी।
खेतों में काम करने वाले भदान क्षेत्र के लोगों को कंटेनर में बस के घुसने के बाद तेज आवाज सुनाई दी। इसके बाद चीख पुकार ने सभी को अपनी ओर खींच लिया। लोग जब बस से यात्रियों को निकाल रहे थे तो फंसे हुए लोग अपने बचाव के लिए गुहार लगाते हुए दिखाई दिए।
यात्रियों को घायल होने के बाद अपने सामान तक की चिंता नहीं थी। उनको जब निकाला जा रहा था तो उनका कहना था कि बस कैसे भी उनको सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचा दिया जाए।
हादसे की सूचना के बाद डीएम चंद्र विजय सिंह ने तत्काल शिकोहाबाद और फिरोजाबाद के सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जैसे ही एबुंलेस घायलों को लेकर आए तो चिकित्सक उनके उपचार में जुट जाएं।
हादसे में बस में सवार महिलाओं के साथ साथ बच्चे भी शामिल थे। उन घायलों को बाहर निकालते समय सभी द्रवित हो गए। बच्चों की चीख पुकार से हर कोई परेशान था। पुलिसकर्मियों ने भी उनको निकालकर तत्काल अस्पताल भिजवाया।
एंबुलेंसों को मौके पर लगाया गया। ग्रामीण जैसे ही घायल सवारियों को निकालते वैसे ही तत्काल उनको एंबुलेंस से अस्पताल के लिए भिजवाया जाता रहा।