महिलाओं-बच्चों की तस्करी, मुंबई सबसे आगे
नई दिल्ली
बच्चों और महिलाओं की तस्करी के सबसे अधिक मामले मुंबई, कोलकाता और इंदौर जैसे शहरों में दर्ज हुए हैं। यह जानकारी नैशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के डेटा से मिली है। बच्चों और महिलाओं के लापता होने का डेटा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जुटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में एक पैनल बनाया था, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस पैनल ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया है कि वह NCRB को गुमशुदा बच्चों और महिलाओं का डेटा एकत्र करने का आदेश दे ताकि ज्यादा तस्करी वाले इलाकों की पहचान की जा सके। NCRB की स्टडी के मुताबिक, जबरदस्ती विवाह करने, बाल श्रम, घरेलू मदद और यौन शोषण जैसी चीजें तस्करी के बड़े कारण थे।
2011 की जनगणना के अनुसार, मुंबई और दिल्ली क्रमश: 18,394,912 और 16,349,831 के साथ सबसे अधिक जनसंख्या वाले महानगर थे। कोलकाता का 14,035,959 आबादी के साथ तीसरा नंबर था।
एमपी में गायब हुए सबसे ज्यादा बच्चे
यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स ऐंड क्राइम (UNODC) ग्लोबल ने 2018 में तस्करी पर रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि यौन शोषण के लिए तस्करी के शिकार लोगों में से अधिकतर महिलाएं थीं। जबरन मजदूरी के लिए तस्करी वाले पीड़ितों में से भी तकरीबन 35 पर्सेंट महिलाएं थी। इनमें महिलाएं और लड़कियां, दोनों शामिल थीं। हालांकि, जबरन मजदूरी के लिए तस्करी होने वाले लोगों में आधे से अधिक पुरुष थे। मध्य प्रदेश में बच्चों के गायब होने की सबसे अधिक घटनाएं हुईं जबकि महाराष्ट्र में महिलाओं के खोने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। पश्चिम बंगाल 2016-18 के बीच बच्चों और महिलाओं, दोनों के गायब होने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा।
महाराष्ट्र सबसे कमजोर
रिपोर्ट के अनुसार, ‘तस्करी से निपटने के मामले में मुंबई, पुणे और ठाणे कमिश्नरेट सबसे कमजोर नजर आते हैं। मुंबई कमिश्नरेट ने 2017 और 2018 के दौरान क्रमशः 4,718 और 5,201 महिलाओं के लापता होने के मामले दर्ज किए हैं, जो सबसे अधिक है। पुणे कमिश्नरेट दोनों वर्ष क्रमश: 2,576 और 2,504 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर था।’
एमपी में इंदौर सबसे आगे
पश्चिम बंगाल में कोलकाता ने 2018 में 2,584 महिलाओं के लापता होने की सूचना दी थी। राज्य का नदिया जिला महिलाओं के गायब होने के 2,468 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर था। मध्य प्रदेश में इंदौर 2017 और 2018 में महिलाओं के क्रमश: 1,755 और 2,458 लापता होने के मामलों के साथ पहले स्थान पर था। इंदौर 2017 और 2018 के दौरान सबसे अधिक गुमशुदा बच्चों की अनचाही सूची में भी सबसे आगे था। यहां 2017 में 596 और 2018 में 823 बच्चे लापता हुए थे। इसी तरह, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में बच्चों के लापता होने के सबसे अधिक 989 मामले थे। नदिया जिले में 2017 में 291 और 2018 में 474 मामले दर्ज किए गए थे।