November 24, 2024

बिना वजह सिजेरियन या दूसरे ऑपरेशन किए तो सील हो सकता है नर्सिंग होम, सरकार की है ये नयी तैयारी

0

भोपाल
कमलनाथ सरकार माफिया पर नकेल कस रही है. अभी तक भू माफिया और मिलावट माफिया पर कार्रवाई कर चुकी सरकार की नज़र में अब वो अस्पताल और नर्सिंग होम्स  हैं जहां सिर्फ मरीज़ों को लूटने के लिए बिना ज़रूरत ऑपरेशन किए जा रहे हैं. खासतौर से जहां महिलाओं के सिजेरियन ऑपरेशन हो रहे हैं. सरकार उन नर्सिंग होम्स की कुंडली तैयार कर रही है जहां कुछ ज़्यादा ही मरीज़ों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं.

सरकार का मिशन प्रदेश को माफिया मुक्त बनाने का है. इसके लिए अलग-अलग क्षेत्रों के माफिया पर सरकार अपनी नज़र रख रही है.बात अगर स्वास्थ्य के क्षेत्र की करें तो पहले तो सरकार ने खाद्य पदार्थों के मिलावट खोरों पर लगाम कसी.फिर ड्रग माफिया पर शिकंजा कसा.नकली कास्मेटिक के सप्लायर्स पर भी सरकार ने कानूनी कार्रवाई की. और अब स्वास्थ्य विभाग की नज़र उन हेल्थ लुटेरों पर है जो मरीज़ों से लंबा-चौड़ा बिल वसूलने के लिए ज़रूरत ना होने पर भी उनका ऑपरेशन कर देते हैं.

सबसे ज़्यादा शिकायत प्राइवेट हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम्स से मिल रही है. इस लिए स्वास्थ्य विभाग इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है. जब ऑपरेशनों के डाटा को चेक किया तो ये बात सामने आई कि प्राइवेट नर्सिंग होम्स में डिलीवरी के लिए सबसे ज़्यादा सिजेरियन ऑपरेशन किए जा रहे हैं.ये सिलसिला बरसों से चल रहा है.

स्वास्थ्य विभाग की सर्वे रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि एक साल में प्रदेश के प्रायवेट हॉस्पिटल्स में कुल 70 लाख डिलिवरी हुई. इनमें से 9 लाख महिलाओं की डिलीवरी तुरत-फुरत सिजेरियन ऑपरेशन से कर दी गयी. जबकि उनकी नॉर्मल डिलिवरी भी हो सकती थी.प्रायवेट हॉस्पिटल्स में ऐसे 40.9 फीसदी सिजेरियन ऑपरेशन बिना ज़रूरत के किए गए जबकि सरकारी अस्पतालों में ये आंकड़ा 11.9 फीसदी रहा.प्राइवेट हॉस्पिटल्स एक नॉर्मल डिलिवरी के लिए 10 से 15 हज़ार रुपए ले रहे हैं. लेकिन सिजेरियन डिलीवरी के लिए 25 से 40 हज़ार रुपए लगते हैं. ज़ाहिर है मोटा मुनाफा कमाने के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम्स मरीज़ों को लूट रहे हैं..

निर्देश जारीअनलिमिटेड ऑपरेशन करने वालों की अब सरकार मॉनिटरिंग कर रही है. इसके लिए एनएचएम ने निर्देश भी जारी कर दिए हैं.निर्देश में कहा गया है की सिजेरियन डिलिवरी के लिए डॉक्टरों को जिला अस्पताल के सिविल सर्जन या सीएमएचओ से परमिशन लेना ज़रूरी होगा.इसके साथ ही अन्य बीमारियों के ऑपरेशन से पहले भी मामले की पूरी केस हिस्ट्री अस्पताल की हेल्थ लॉग बुक में दर्ज करानी होगी.एनएचएम के डिप्टी डॉयरेक्टर पंकज शुक्ला का कहना है सरकार की इस मॉनिटरिंग से सिजेरियन डिलीवरी पर रोक लगाई जा सकेगी. ऐसा करने का उद्देश्य मात्र यही है कि महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा दिया जा सके.

कमलनाथ सरकार इससे पहले भू-माफिया के लिए अभियान छेड़ ही चुकी है. मिलावट खोरी रोकने के लिए मध्‍य प्रदेश में 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चल ही रहा है. अब अगली बारी प्राइवेट नर्सिंग होम्स की है. स्वास्थ्य विभाग अगला छापा अब अस्पतालों पर पड़ने वाला है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *