महाकुंभ 2021 : अगले साल हरिद्वार में होने वाले शाही स्नान की तारीख घोषित
हरिद्वार
संतों के साथ दो घंटे की मैराथन बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने महाकुंभ-2021 के शाही स्नानों की तिथियों का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को महाकुंभ के कामों को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा करने के भी निर्देश दिए। इससे पहले नाराज संतों को बैठक में लाने के लिए अफसरों को खासा पसीना बहाना पड़ा। महाकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री, संतों और अधिकारियों की बैठक सीसीआर में रविवार शाम 4:10 बजे होनी थी। लेकिन दूसरे कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण मुख्यमंत्री लगभग 5:20 बजे सीसीआर पहुंचे। दो घंटे तक चली बैठक के बाद शाही स्नान की तिथियों का ऐलान किया गया।
शाही स्नान की तिथियां
11 मार्च 2021, महाशिवरात्रि को पहला शाही स्नान
12 अप्रैल 2021, सोमवती अमावस्या को दूसरा स्नान
14 अप्रैल 2021, बैशाखी को तीसरा स्नान
27 अप्रैल 2021, चैत्र पूर्णिमा पर चौथा शाही स्नान
समय पर पूरे हों कुंभ के काम
बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वे कुंभ कार्यों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ संपन्न कराएं। इसमें जिन विभागों को कोई भी समस्या हो, उसे मेलाधिकारी को बताएं। यदि स्वीकृति शासन स्तर से की जानी हो तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी।
संतों के साथ समन्वय बनाएं अफसर: त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख संतों को आवश्यक सुरक्षा एवं अखाड़ों से लगातार संपर्क कर कुंभ कार्य किए जाएं। अतिक्रमण हटाने के लिए समयसीमा तय की जाए। कुंभ क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिए निर्माण सामग्री के लिए विभागों को पट्टे दिए जाएंगे।
शाही स्नान की तिथियों को लेकर संत सहमत: नरेंद्र गिरी
इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि बैठक में मुख्यमत्री त्रिवेंद्र रावत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, अखाड़ा परिषद के सभी पदाधिकारियों की आम सहमति से शाही स्नान और स्नान पर्वों की तिथियां तय कर दी गई हैं। इसके अलावा कुंभ मेले में स्नान पर्व अलग से घोषित किये गये हैं। उनमें बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, राम नवमी का स्नान शामिल हैं। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरी गिरी ने कहा कि कुंभ मेले में कार्तिक पूर्णिमा तक स्नान चलते हैं।
संतों को मनाने में छूटे पसीने
रविवार शाम 4:10 बजे संतों और मुख्यमंत्री की बैठक होनी थी। लेकिन 5:20 बजे जब सीएम पहुंचे तो वहां कोई भी संत नहीं पहुंचा। इसके बाद संतों को मनाकर बैठक में लाने की जिम्मेदारी अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह को दी गई। हरवीर सिंह निरंजनी अखाड़े जाकर शाम 6:05 बजे संतों को मनाकर सीसीआर लाए।