शाहीन बाग: प्रदर्शनों पर आज SC में सुनवाई
नई दिल्ली
शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है और 15 दिसबंर से करीब 60 दिन से कालिंदी कुंज-शाहिन बाग सड़क बंद है. सड़क पर धरना देने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर आज सुनवाई होगी.
इसके अलावा शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान मासूम की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. प्रदर्शन में मासूम और नाबालिगों की भागीदारी रोकने को लेकर आज सुनवाई होगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सुनवाई करने का फैसला लिया था.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हो रहे प्रदर्शन की वजह से सड़क बंद होने की समस्या को समझता है. इसके बाद शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई को सोमवार तक के लिए टाल दिया था. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के. एम. जोसेफ की खंडपीठ ने कहा, 'हम समझते हैं कि समस्या है. अब हमारे सामने सवाल यह है कि हम इसको कैसे हल करते हैं?'
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई टालते हुए कहा कि चीजों को सामने आने दीजिए. इस दौरान शीर्ष कोर्ट ने माना कि वह शनिवार को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते याचिका की सुनवाई को टाल रहा है. याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली के शाहीन बाग में 13A रोड बंद होने के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था.
इस मामले के याचिकाकर्ता एडवोकेट अमित साहनी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी यानी शनिवार को वोट डाले जाने हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसीलिए सोमवार को याचिका पर सुनवाई करने को कहा है. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस याचिका को सुनने के लिए तैयार होगी.
एडवोकेट अमित साहनी ने कहा कि सोमवार तक दिल्ली विधानसभा के चुनाव खत्म हो जाएंगे. इस दौरान शीर्ष अदालत ने यह भी माना कि इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट को सुनवाई करनी चाहिए थी.
वहीं, शुक्रवार को शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान करेंगे और पूरे दिल्ली में सबसे ज्यादा मतदान यहीं से होगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर प्रदर्शन स्थल से आ जा सकें, इसके लिए ई-रिक्शा-ऑटो लगाए जाएंगे.