November 24, 2024

इन घरेलू नुस्खों का नहीं है कोई साइड इफेक्ट

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आप भी इस बात को मानते हैं ना कि जब सर्दी-जुकाम और तेज सिरदर्द हो रहा हो तो तुलसी का काढ़ा या तुलसी की चाय पीने से कितना आराम मिलता है। अगर कहीं चोट लगी हो तो हल्दी वाला दूध पीने से दर्द में राहत मिलती है। शहद और अदरक का सेवन करने से खांसी की समस्या दूर हो जाती है। ये कुछ ऐसे बेहद कॉमन घरेलू नुस्खे हैं जिनका इस्तेमाल हम सब सालों से करते आ रहे हैं और हम सबकी दादी-नानी भी तबीयत खराब होने पर तुरंत ऐलोपथी दवा लेने की बजाए इन नुस्खों को अपनाने और इन पर भरोसा करने की सलाह देती थीं। लेकिन आपको बता दें कि कुछ कॉमन घरेलू नुस्खे ऐसे हैं जिन्हें डॉक्टर भी कारगर मानते हैं।

मुंबई के हिंदूजा हॉस्पिटल के जनरल फिजिशन डॉक्टर अनिल बलानी कहते हैं, घरेलू नुस्खे जिसमें सिंपल चीजें जैसे- शहद, फल, नैचरल ऑइल और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल होता है वे सर्दी-खांसी जैसी कॉमन बीमारियों को दूर कर सकते हैं और अच्छी बात ये है कि इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। हालांकि इन नुस्खों का इस्तेमाल करते वक्त अपने विवेक का इस्तेमाल करें क्योंकि किसी भी चीज की अति बुरी होती है। धीरे-धीरे इन नुस्खों को लेकर लोगों के बीच भी जागरुकता बढ़ रही है और बहुत से घरेलू नुस्खे ऐसे भी हैं जिन्हें साइंस भी मानता है। ऐसे 5 कॉमन दादी मां के घरेलू नुस्खों के बारे में हम आपको बता रहे हैं।

पेटदर्द दूर करने के लिए नींबू के रस में सेंधा नमक डालकर पिएं
नैचरल मिनरल्स से भरपूर सेंधा नमक, नमक का सबसे शुद्ध रूप है और यह सफेद नमक से कई गुना बेहतर होता है और यह पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। ऐसे में सेंधा नमक को नींबू के रस के साथ मिलाकर पीने से गैस की समस्या दूर होती है, डकार आते हैं और गैस पास करने में मदद मिलती है। साथ ही अगर ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की समस्या हो तो वो भी इस नुस्खे से दूर हो जाती है।

सावधानी बरतें- हार्ट और ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस नुस्खे को अपनाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि ऐसे मरीजों को नमक कम खाने की सलाह दी जाती है।

दर्द और बॉडी पेन दूर कर इम्यूनिटी बढ़ाता है हल्दी वाला दूध
हल्दी को दूध में उबालकर पीना एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन है क्योंकि दूध प्रोटीन का बेस्ट सोर्स है जो घाव को भरने में मदद करता है और हल्दी में ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं जो मसल्स में सूजन और जलन में राहत दिलाती हैं। हल्दी में कर्क्यूमिन भी होता है जो की एक स्ट्रॉन्ग ऐंटिऑक्सिडेंट है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।

सावधानी बरतें- हल्दी वाले दूध को आप इलाज का सब्सिट्यूट नहीं मान सकते। अगर कोई ऐसी चोट या समस्या है जिसमें इलाज कराने और दवा खाने की जरूरत है तो उससे परहेज ना करें। आप दवा के साथ हल्दी वाला दूध पीना जारी रख सकते हैं।

शहद और अदरक से कफ होगा दूर
अदरक को पानी में उबालकर और फिर शहद के साथ खाया जाए तो यह कफ, गले में खराश और गला खराब होने की दिक्कत की बेस्ट रेमेडी है। वैसे भी अदरक को कफ को दबाने के लिए जाना जाता है। साथ ही इसमें ऐंटिऑक्सिडेंट भी होता है जो बीमारी से राहत दिलाता है। अदरक को शहद के साथ खाने से गले और कंठ में होने वाली सूजन और जलन में राहत मिलती है।

सावधानी बरतें- डायबीटीज के मरीज शहद की कितनी मात्रा का सेवन कर रहे हैं इसे लेकर सावधान रहें क्योंकि इससे उनका शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है।

फ्लू और कॉमन कोल्ड दूर करने के लिए पिएं सूप
कॉमन कोल्ड और फ्लू में ऐंटिबायॉटिक्स असरदार नहीं होती क्योंकि ये वायरस से होने वाली बीमारी है और कॉमन कोल्ड को तुरंत दवा खाकर ठीक नहीं किया जा सकता बल्कि इलाज के जरिए सिर्फ कम किया जा सकता है। ऐसे में गर्मा गर्म सूप आपको कॉमन कोल्ड से राहत दिलाता है। सूप पीने से बंद नाक और गला खुल जाता है, कंठ में जो इरिटेशन हो रही होती है उसमें आराम मिलता है और कंजेशन भी कम होता है। साथ ही शरीर भी हाइड्रेट होता है जिससे जल्दी रिकवर करने में मदद मिलती है।

सावधानी- सूप पीने से आपको फ्लू और कॉमन कोल्ड में अस्थायी रूप से और कुछ समय के लिए आराम मिलता है लेकिन अगर 36 घंटे से ज्यादा समय तक लक्षणों में कोई कमी न आए तो डॉक्टर से संपर्क करें।

माइग्रेन और ऐंग्जाइटी के लिए लैवेंडर ऑइल
सिरदर्द हो रहा हो, माइग्रेट का अटैक हो, बेचैनी या चिंता महसूस हो रही हो तो इस तरह के मौकों पर लैवेंडर को सूंघने से आपकी तकलीफ कुछ कम हो सकती है। स्टडीज में भी यह बात साबित हो चुकी है कि लैवेंडर की चाय पीने से या फिर लैवेंडर ऑइल की कुछ बूंदों को रुमाल या टीशू पेपर पर डालकर सूंघने से ऐंग्जाइटी कम होती है, दिमाग और शरीर रिलैक्स होता है और स्ट्रेस लेवल में भी कमी आती है।

सावधानी- अगर माइग्रेन की दिक्कत है तो लैवेंडर दवा का सब्सिट्यूट नहीं हो सकता। ये सिर्फ दर्द को कुछ देर के लिए कम करने में मदद कर सकता है, ठीक करने में नहीं।

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