दुर्गसरकारी विभागों में संविदा अथवा अस्थायी तौर पर सेवारत महिलाओं को अब मातृत्व अवकाश का पूर्ण लाभ मिलेगा। केन्द्रीय प्रशासनिक अभिकरण ने यह फैसला दिया है। मातृत्व अवकाश केवल स्थायी महिला कर्मचारियों को ही मिलता रहा है।इसका लाभ सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, मितानिन, आंगनबाड़ियों में अस्थायी तौर पर कार्य करने वाली समस्त महिलाओं को मिलेगा। दिल्ली सरकार की एडहॉक शिक्षिका अनुराधा आर्या को मातृत्व अवकाश का लाभ देने से इनकार कर दिया था, जिस पर जनसुनवाई फाउंडेशन के राष्ट्रीय विधि सलाहकार व सुको अधिवक्ता अमित केशव पटेरिया ने इस मामले की पैरवी की। न्यायालय ने अनुराधा के हक में फैसला देते हुए कहा कि सेवा नियुक्ति का आधार कर्मचारी के मौलिक मानवीय अधिकारों में भेदभाव का आधार नहीं हो सकता। जनसुनवाई फाउंडेशन ने नारी सम्मान-मेरा अभिमान कैम्पैन चलाया था। इस फैसले छत्तीसगढ़ की पद्मश्री शमशाद बेगम ने कहा कि इससे समस्त कार्यरत महिलाओं को सम्मान और हक मिला है। फाउंडेशन के संजय मिश्र ने इस पैरवी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा की ये जीत समस्त नारी समाज की है।