चीन से मैच हटाने पर भारतीय फेड टीम को राहत, पर सानिया का खेलना संदिग्ध
नयी दिल्ली
भारतीयफेड कप टीम ने इस टूर्नामेंट के मैच कोरोनावायरस से ग्रसित चीन के बजाय कजाखस्तान में कराने के आईटीएफ के फैसले पर राहत की सांस ली लेकिन सीनियर खिलाड़ी सानिया मिर्जा के पिंडली की चोट के कारण इसमें खेलना संदिग्ध है। चीन में आपात चिकित्सा स्थिति पैदा होने के कारण अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने आईटीएफ को पत्र लिखकर विश्व टेनिस की संचालन संस्था से स्थान बदलने या टूर्नामेंट स्थगित करने का आग्रह किया था। पहले यह टूर्नामेंट चार फरवरी से डोंगुआन में होना था। आईटीएफ ने दो बार आग्रह नामंजूर करने के बाद रविवार को एआईटीए को बताया कि मैचों को चीन के बजाय कजाखस्तान में आयोजित करने का फैसला किया गया है। एआईटीएफ महासचिव हिरणमय चटर्जी ने पीटीआई से कहा, ‘‘आईटीएफ ने हमें सूचित किया कि मैच कजाखस्तान में होंगे। ’’ कोरोनावायरस से चीन में अब तक 56 लोगों की जान जा चुकी है जबकि लगभग 2000 लोग इससे संक्रमित हैं। भारत के फेड कप कप्तान विशाल उप्पल ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि बेहतर समझ से काम लिया गया। खिलाड़ियों का स्वास्थ्य हमारे लिये प्राथमिकता है। मैं वास्तव में राहत महसूस कर रहा हूं। खिलाड़ी चीन का दौरा करने को लेकर काफी परेशान थे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आईटीएफ ने दो बार लिखा कि मुकाबला पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार चीन में ही होगा। इससे टीम का हर सदस्य चिंतित था। ’’ भारत एशिया ओसिनिया ग्रुप एक मुकाबले में चीन, इंडोनेशिया, कोरिया, चीनी ताइपै और उज्बेकिस्तान का सामना करेगा। भारतीय टीम को हालांकि पूरी संभावना है कि सानिया के बिना ही कजाखस्तान का दौरा करना होगा जिन्हें पिंडली की चोट के कारण आस्ट्रेलियाई ओपन के महिला युगल के पहले दौर के मैच के बीच से हटना पड़ा था। सानिया के पिता इमरान मिर्जा ने कहा, ‘‘हम उन पर निगरानी रख रहे हैं। आगे क्या करना है हम अगले कुछ दिनों में फैसला करेंगे। ’’ उन्होंने बताया कि सानिया को बायीं पिंडली में चोट के कारण दो से तीन सप्ताह तक विश्राम करने की सलाह दी गयी है। उप्प्ल ने कहा, ‘‘अगर सानिया टीम में नहीं होती है तो यह हमारे लिये बड़ा झटका होगा। हम अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। मुझे अपने खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा है। उसने मुझे बताया कि पिंडली की चोट परेशान कर रही है। देखते हैं क्या होता है। ’’ सानिया ने चार साल बाद भारतीय फेड कप टीम में वापसी की है। यह फेड कप उनके लिये महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भाग नहीं लेने पर वह आगामी तोक्यो ओलंपिक खेलने के अयोग्य हो जाएंगी। सानिया को अगर तोक्यो खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करना है तो उन्हें 2020 फेड कप में हर हाल में खेलना होगा। आईटीएफ नियमों के अनुसार वही खिलाड़ी पात्र होगा जो ड्रा के समय डेविस कप या फेड कप टीम का हिस्सा हो और ओलंपिक चक्र में कम से कम तीन अवसरों पर मुकाबले में उपस्थित रहा हो बशर्ते उनमें से एक अवसर 2019 या 2020 में हो। सानिया 2016 से फेड कप में नहीं खेली है और अगर वह इस साल खेलती भी है तब भी तीन अवसरों पर मुकाबले में उपस्थित रहने की पात्रता पूरी नहीं पाएंगी। चटर्जी ने कहा, ‘‘हमसे उसकी उपलब्धता के बारे में पूछा गया है। कप्तान विशाल सभी खिलाड़ियों से बात करेंगे। जहां तक उसकी ओलंपिक पात्रता का सवाल है तो आईटीएफ इस पर विचार कर सकता है कि वह दो साल के लिये मातृत्व अवकाश पर थी और इसलिए फेड कप में नहीं खेल पायी। देखते हैं क्या होता है। ’’