संघर्ष करने वाले याद रखें गांधी जी का मंत्र: राष्ट्रपति
नई दिल्ली
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि किसी भी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को गांधी जी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए। राष्ट्रपति का यह सुझाव ऐसे समय में आया है जब संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, 'राष्ट्र-निर्माण के लिए, महात्मा गांधी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश हमारे आज के समय में और भी अधिक आवश्यक हो गया है। किसी भी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं को, गांधीजी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए, जो कि मानवता को उनका अमूल्य उपहार है।'
राष्ट्रपति ने देश के विकास के लिए सत्ता-विपक्ष के साथ आने की अपील करते हुए कहा, 'लोकतन्त्र में सत्ता और प्रतिपक्ष दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राजनैतिक विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ, देश के समग्र विकास और सभी देशवासियों के कल्याण के लिए दोनों को मिलजुलकर आगे बढ़ना चाहिए। विकास पथ पर आगे बढ़ते हुए, हमारा देश और हम सभी देशवासी, विश्व-समुदाय के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हमारा और पूरी मानवता का भविष्य सुरक्षित रहे और समृद्धिशाली बने।'
उन्होंने युवाओं के संबंध में कहा, ' इस शताब्दी में जन्मे युवा, बढ़-चढ़ कर, राष्ट्रीय विचार-प्रवाह में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। हमारी अगली पीढ़ी हमारे देश के आधारभूत मूल्यों में गरी आस्था रखती है। हमारे युवाओं के लिए राष्ट्र सदैव सर्वोपरि रहता है। मुझे, इन युवाओं में, एक उभरते हुए नए भारत की झलक दिखाई देती है।
राष्ट्रपति ने अधिकार के साथ जिम्मेदारियों की याद दिलाते हुए कहा, 'हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।'