November 23, 2024

CAA: शाहीन बाग रोड खुलवाने को आमने-सामने होंगे लोग? पुलिस को दिया एक हफ्ते का वक्त

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नई दिल्ली 
शाहीन बाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बीच हुई हिंसा के बीच अब लोगों के सब्र का बांध टूटता दिख रहा है। अब रास्ता बंद होने की वजह से परेशानी उठा रहे लोगों ने भी सड़क पर उतरने का फैसला कर लिया है। ये लोग करीब 40 दिन से बंद कालिंदी कुंज मार्ग को खुलवाने के लिए मार्च निकालने का प्लान बना रहे हैं। बता दें कि शुक्रवार को शाहीन बाग में कुछ पत्रकारों के साथ मारपीट भी हुई। इतना ही नहीं सड़क पार करने की कोशिश कर रहे लोगों को रोकने के भी मामले सामने आए। बता दें कि वहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 

बंद के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे लोग 
शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ अब वहां के लोकल लोग ही सड़कों पर उतरनेवाले हैं। सड़क बंद होने की वजह से परेशान सरिता विहार के लोगों का प्लान है कि वे 2 फरवरी को प्रदर्शन करेंगे। ये लोग अपनी कॉलोनी से शाहीन बाग तक मार्च निकालने वाले हैं। इनकी मांग है कि बंद सड़क को आम लोगों के लिए खोला जाए। इसके लिए सरिता विहार में रहनेवाले कुछ लोग सरिता विहार के एसीपी अजब सिंह से मिले भी। उन्होंने सिंह से कहा कि अगले हफ्ते तक कोई रास्ता नहीं निकला तो प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन की तैयारी में जुटे एक रेजिडेंट गब्बर सिंह चौहान ने कहा कि यह किसी राजनीतिक पार्टी की रैली जैसा नहीं होगा। जैसे शाहीन बाग के लोगों को प्रदर्शन का हक है, वैसे ही सरिता विहार और जसोला के लोगों को इसका विरोध करने का हक है। वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि फिलहाल वे लोग यह तय नहीं कर पाए हैं कि सड़क को आमजन के लिए खोला जाए या नहीं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बैरिकेड हट भी जाएं तो सड़क पर चलना मुश्किल होगा। क्योंकि वहां करीब 40 फीट का मेटल का भारत का नक्शा रखा है। इसे क्रेन की मदद से ही हटाया जा सकता है। इसे वेल्डिंग करके बनाया गया है, जिसे हटाने में कुछ दिन लग सकते हैं। 

टू-वीइलर्स को भी रोका जा रहा 
बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर सड़क को ट्रैफिक के लिए खोलने का भरोसा दिया था। बावजूद इसके टू-वीइलर्स को भी नहीं जाने दिया। ऐसे ही एक शख्स ने बताया, 'मैं अपने बच्चे को स्कूल से लेकर आ रहा था। प्रदर्शनकारियों ने मुझे रोककर मदनपुर खादर से जाने को कहा। मेरे बार-बार गुजारिश करने पर ही मुझे जाने दिया गया।' 

पत्रकारों पर हुए हमले 
शाहीन बाग प्रदर्शन में शुक्रवार को हिंसा भी हुई। वहां एक निजी चैनल के साथ-साथ दूरदर्शन के पत्रकार पर भी हमला हुआ। आंदोलनकारियों ने लाइव प्रोग्राम करने पहुंचे पत्रकारों के तीन कैमरे तोड़ दिए। निजी चैनल के पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की का विडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया। 

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