November 23, 2024

CAA-NRC-NPR के खिलाफ रैली में बोले योगेंद्र यादव- PM को सिर्फ टोपी दिखती है, तिरंगा नहीं

0

 कानपुर 
स्वराज अभियान के अध्यक्ष योगेंद्र यादव उत्तर प्रदेश के कानपुर में थे। यहां पर सीएए,एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ आयोजित एक जनसभा को उन्होंने संबोधित किया। यादव ने कहा कि यह पहला आंदोलन है जो महिलाओं के नाम से याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज शाहीन बाग़ आज जज़्बे का नाम है। कानपुर में मोहम्मद अली पार्क भी शाहीन बाग़ बन चुका है। योगेंद्र यादव बोले प्रधानमंत्री को सिर्फ टोपी दिखती है तिरंगा नहीं दिखता। यह लड़ाई हिन्दुस्तान को जोड़ने की है, शाह और शहंशाह तोड़ रहे हैं।

गुरुवार को हलीम कॉलेज ग्राउंड में सीएए, एनआरसी को लेकर आयोजित सभा में योगेंद्र ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने जिन बातों के लिए अपने शिकागो के भाषण में मनाही की थी, यह सीएए क़ानून उन दोनों बातों को शामिल किया गया है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि शरण मांगने वाले का देश और धर्म न पूछो लेकिन कानून यही पूछ रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने सिखाया है कि ग़लत क़ानून का विरोध करो।

उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह शहर गणेश शंकर विद्यार्थी, हसरत मोहानी, लक्ष्मी सहगल, मानवती आर्या का है। यहां हिन्दू मुस्लिम को कोई एक दूसरे से अलग नहीं कर सकता। यह लड़ाई हिंदुस्तान को जोड़ने की है। शाह और शहंशाह तोड़ रहे हैं। हमारा आंदोलन भारत जोड़ो आंदोलन है। आज सरकार कानून वापस ले लें तो सस्ते में छूटेंगे।
 
छोटे भाई नरोना ने कहा कि यह मुसलमानों का आंदोलन नहीं बल्कि यह आंदोलन सभी समाज का है। आज़ादी का नारा देने वाले भला देशद्रोही कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जय हिंद का नारा आबिद हसन ने दिया जो नेता जी  सुभाष चंद्र बोस के सचिव थे। मुख्यमंत्री के महिला संबंधी बयान पर कहा कि नेता जी ने डॉक्टर लक्षमी सहगल  और मानवती आर्या महिलाएं ही थीं। हाजी अबुल बरकात नजमी ने कहा कि दुनिया की अज़मत महिलाओं से है। यह महिलाएं दस्तूर की हिफाज़त के लिए निकली हैं। उन्होंने सीएए पर गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के बयान पर कहा कि वे अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए।

देश गांधी और आंबेडकर के सिद्धांत पर चलेगा

मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि क़ानून बदला जाएगा औऱ यह काम जनता करेगी। देश गांधी और आम्बेडकर के सिद्धांत पर चलेगा। जिन महिलाओं को तीन तलाक़ से इंसाफ दिलाने की बात कुछ नेता कर रहे थे अब उन्ही महिलाओ के आंदोलन में कूदने से परेशान हैं।देश की मालिक जनता है।हम पांच साल के लिए सेवक चुनते हैं।सेवकों को बदला जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *