सेबी ने पोर्टफोलियो मैनेजर्स के लिए जारी किए नए नियम, निवेश की सीमा हुई डबल
मुंबई
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आॅफ इंडिया (सेबी) ने पोर्टफोलियो प्रबंधकों के कामकाज के संबंधित नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इसके तहत निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश सीमा को दोगुना कर 50 लाख रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रबंधकों को अपने नेटवर्थ को तीन साल के अंदर पांच करोड़ रुपए करने का निर्देश भी दिया गया है। सेबी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उसने सेबी (पोर्टफोलियो प्रबंधक) नियमनों में संशोधन करते हुए पात्रता मानदंड का विस्तार कर दिया है।
साथ ही प्रमुख अधिकारी की भूमिका को साफ तौर पर परिभाषित कर दिया है। सेबी ने कहा कि पोर्टफोलियो प्रबंधक ग्राहकों से 50 लाख रुपए से कम का कोष और प्रतिभूतियां स्वीकार नहीं करेंगे। नियामक ने कहा कि ग्राहकों का मौजूदा निवेशक पीएमएस करार की आखिरी तारीख तक जारी रहेगा। अभी तक पोर्टफोलियो प्रबंधक सेवाओं में निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश राशि 25 लाख रुपए थी। इसके अलावा सेबी ने पोर्टफोलियो प्रबंधकों के लिए नेटवर्थ की सीमा को दो से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए कर दिया है। पोर्टफोलियो प्रबंधकों को इस सीमा को पूरा करने के लिए 36 महीने का समय दिया गया है। नियामक ने कहा कि विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधक सिर्फ सूचीबद्ध प्रतिभूतियों, मनी मार्केट उत्पादों और म्यूचुअल फंडों में निवेश करेंगे। वहीं गैर विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधक ग्राहक की प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों का 25 फीसदी तक गैर सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में कर सकते हैं। सेबी की 16 जनवरी को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ग्राहकों के कोष का निवेश करने वाले पोर्टफोलियो प्रबंधक सटोरिया लेनदेन में किसी भी स्थिति में शामिल नहीं होंगे।