CM कृषक दुर्घटना कल्याण योजना: UP में अब किसान, उसका परिवार और बटाईदार होंगे बीमा के हकदार
लखनऊ
योगी कैबिनेट में प्रदेश के किसानों और बटाईदारों के हित में एक महत्वपूर्ण योजना स्वीकृत हुई है. मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव किया गया है. अब नए नियमों के मुताबिक बीमे के वारिस के तौर पर किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार होगा. इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे.
कैबिनेट की बैठक मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई. कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बैठक में 14 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई. इस दौरान किसानों के संबंध में बीमा योजना के रूप में अहम फैसला लिया गया.
इस तारीख से मिलेगा योजना का लाभ
आपको बता दें कि पहले मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ सिर्फ खातेदार किसान और सह-खातेदार को ही मिलता था. अब नई व्यवस्था में किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी इसका पात्र होगा. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 18 से 70 वर्ष तक की उम्र के किसान इस योजाना के पात्र होंगे. योजना का लाभ 14 सितंबर 2019 से मिलेगा.
दुर्घटना के इतने दिनों में करना होगा आवेदन
योजना में शर्त रखी गई है कि दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता होने पर सभी प्रपत्र 45 दिन के अंदर तहसील कार्यालय में आवेदन सहित जमा करना होगा. इसमें एक महीने तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी को होगा, लेकिन 75 दिन के बाद आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा.
मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना की प्रमुख बातें
– मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना का लाभ अब बटाईदार को भी मिलेगा.
– पहली बार ऐसा होगा कि इससे बटाईदार भी आच्छादित होंगे, इसका दायरा भी पहले की योजना से बड़ा होगा.
– योजना के तहत बीमे की अधिकतम रकम पांच लाख रुपये होगी.
– आंधी-तूफान और भूस्खलन में मरने या दिव्यांग होने वाले किसान के बालिग (18 से 70 वर्ष) आश्रित को भी इसका लाभ मिलेगा. अमूमन देखा गया है कि किसान की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस खेत का ट्रांसफर अपने नाम पर नहीं कराते हैं. ऐसी स्थिति में किसान के परिजन (पत्नी, बेटा और बेटी) इससे लाभान्वित होंगे.
– अगर किसान का कोई बेटा नहीं है एवं पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, तो उसकी बेटी (शादी हो चुकी हो तो भी) को इस योजना का लाभ मिलेगा.
– पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना के तहत बीमा कम्पनियों को 600 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया जाता था. कम्पनी की जटिल प्रक्रियाओं के कारण सभी पात्र किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाता था. बीमा कम्पनियां सरकार से मिलने वाले 600 करोड़ रुपये के प्रीमियम में से लगभग 200 करोड़ रुपये ही खर्च करती थीं, बाकी बीमा कंपनियों ले लेती थीं.
– योगी सरकार इस योजना को निरस्त करते हुए डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में धनराशि भेज रही है.
– हादसे के 45 दिनों के भीतर संबंधित परिवार को दावा पेश करना होगा.
– दावे के एक माह के भीतर ऑनलाइन भुगतान संबंधित किसान के खाते में करना होगा.
– विशेष स्थितियों में संबंधित जिले के डीएम एक माह का अतिरिक्त समय दे सकते हैं.