उभरते देशों से भारत की GDP बढ़त का अंतर 7 साल में सबसे कम: IMF
नई दिल्ली
कमजोर मांग और निवेश जैसे कई मसलों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त हो गई है और अब कई दूसरे उभरते देशों से भारत की जो बढ़त थी वह भी कम हो रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
सात साल के निचले स्तर पर
रिपोर्ट के अनुसार उभरती अर्थव्यवस्थाओं (EMs) की तुलना में भारत की जीडीपी दर काफी ऊंची रहती है और काफी गैप रहता है, लेकिन इस साल यानी वित्त वर्ष 2019-20 में यह अंतर सात साल के निचले स्तर सिर्फ 1.1 फीसदी का ही रह सकता है.
विकसित देशों से बढ़त 18 साल के निचले स्तर पर
IMF की रिपोर्ट के अनुसार, अगर यूरोप, अमेरिका, जापान जैसे विकसित देशों से तुलना करें तो भारत की जीडीपी में बढ़त की चाल और बदतर लग रही है. इन विकसित देशों के मुकाबले भारत की जीडीपी में ऊंचाई का एक गैप दिख रहा था वह 18 साल के निचले स्तर तक पहुंच गया है.
गौरतलब है कि स्थिर कीमतों पर (जिसे रियल जीडीपी कहते हैं) इस वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के जीडीपी में बढ़त महज 5 फीसदी होने का अनुमान है. भारत इसके पिछले साल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था था जब जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी की हुई थी. लेकिन इस साल उससे यह तमगा छिन जाएगा और फिर चीन नंबर वन पायदान पर हो जाएगा, जिसकी 2019 में बढ़त दर 6 फीसदी के आसपास रही है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, इसके पहले उभरती अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारत के जीडीपी में बढ़त का अंतर सबसे कम वित्त वर्ष 2012-13 में था, जब यह महज 0.1 फीसदी का था. पिछले दो साल में भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट में करीब 2.2 फीसदी तक की कमी आई है, जबकि इस दौरान अन्य उभरतीअर्थव्यवस्थाओं की जीडीपी ग्रोथ में महज 0.85 फीसदी की कमी आई है.
क्या कहा आईएमएफ ने
आईएमएफ ने इस बात को दोहराया है कि भारत में आर्थिक सुस्ती का दौर है और उसने सरकार से कहा है कि इसे रोकने के लिए वह तत्काल जरूरी नीतिगत कदम उठाए. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO),ने इस वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में महज 5 फीसदी होने का अनुमान लगाया है. इसके पहले अगर सबसे कम बढ़त की बात करें तो करीब 11 साल 2008-09 में भारत का जीडीपी ग्रोथ महज 3.1 फीसदी बढ़त हुई थी.