यूनिटेक का चलाएगी सरकार, सुप्रीम कोर्ट की मुहर
नई दिल्ली
यूनिटेक के फ्लैट खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह यूनिटेक को टेकओवर करेगी. हरियाणा कैडर के पूर्व IAS अधिकारी युद्धवीर सिंह मलिक को यूनिटेक का नया सीएमडी बनाया गया है. इससे कंपनी के अटके पड़े प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल सकता है.
सात सदस्यों का नया बोर्ड
सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के लिए 7 सदस्यों का नया बोर्ड बनाया है. कोर्ट अब नई व्यवस्था को मौका देते हुए यूनिटेक बायर्स मामले में 2 महीने तक सुनवाई नहीं करेगा. सर्वोच्च अदालत ने ये भी साफ कर दिया कि नई व्यवस्था प्रोजेक्ट पूरे करने की रफ्तार बढ़ाने की मंशा से की गई है. लेकिन यूनिटेक के खिलाफ चल रही जांच बंद नहीं होगी. वो पहले की तरह जारी रहेगी, बल्कि उसमें भी तेजी लाई जाएगी.
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर 2019 को केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वह 2017 के अपने प्रस्ताव पर विचार करने के लिये तैयार है. कोर्ट के मुताबिक कर्ज में डूबी यूनिटेक लिमिटेड की प्रोजेक्ट्स को किसी विशिष्ट एजेंसी द्वारा अपने हाथों में लेने की तत्काल जरूरत है, ताकि घर खरीदारों के हित में अटकी परियोजनाओं को तय समय के भीतर पूरा किया जा सके.
5,800 करोड़ की रकम का इस्तेमाल ही नहीं
सुप्रीम कोर्ट के इसी सवाल पर केंद्र सरकार ने अब जवाब दिया है. बता दें कि यूनिटेक लिमिटेड के बारे में फोरेंसिक ऑडिटर द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2006 से 2014 के दौरान 29,800 घर खरीदारों से करीब 14,270 करोड़ रुपये और छह वित्तीय संस्थानों से करीब 1,805 करोड़ रुपये जुटाने का पता चला है. इस रकम में से 5,800 करोड़ रुपये से अधिक का इस्तेमाल नहीं किया गया.