भागवत ने दो बच्चों से जुड़ा कानून आरएसएस के अजेंडे में होने के दिए संकेत
मुरादाबाद
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने इशारा किया है दो बच्चों से जुड़ा कानून संघ का अगला अजेंडा हो सकता है। अपने चार दिवसीय दौरे पर मुरादाबाद पहुंचे भागवत ने जिज्ञासा समाधान सत्र के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं से बात की। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि काशी और मथुरा का मुद्दा आरएसएस के अजेंडे में नहीं है।
पहली बार मुरादाबाद पहुंचे मोहन भागवत ने शहर के रामगंगा विहार स्थित मुरादाबाद इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एमआईटी) के सभागार में जिज्ञासा समाधान सत्र में हिस्सा लिया। इस दौरान आरएसएस की क्षेत्रीय कार्यकारिणी के करीब 40 पदाधिकारी मौजूद रहे। संघ से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि भागवत ने साफ कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के तहत दो बच्चों के कानून को आरएसएस का समर्थन रहेगा। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को फैसला लेना है।
'संघ के अजेंडे में कभी नहीं था काशी-मथुरा'
सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में आरएसएस चीफ ने कहा कि संघ की भूमिका इस मामले में सिर्फ ट्रस्ट निर्माण होने तक है। इसके बाद संघ खुद को राम मंदिर मामले से अलग कर लेगा। एक अन्य सवाल के जवाब में भागवत ने यह भी कहा कि मथुरा (कृष्ण जन्मभूमि) और काशी (विश्वनाथ मंदिर) संघ के अजेंडे में कभी नहीं था।
'सीएए पर पीछे हटने का सवाल ही नहीं'
आर्टिकल 370 पर पूछे गए सवाल के जवाब में भागवत ने कहा कि आरएसएस हमेशा से आर्टिकल 370 को हटाने का पक्षधर रहा है। साथ ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भी उन्होंने सरकार का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता। हालांकि भागवत ने इन मुद्दों को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।