एक तीर एक कमान,सर्व आदिवासी एक समान का एक दिवसीय आदिवासी संस्कृतिक एवं संवैधानिक प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन
जोगी एक्सप्रेस
बैकुंठपुर, आदिवासी समाज के सगाजनो के हितों की रक्षा के लिए “एक तीर एक कमान,सर्व आदिवासी एक समान” बैनर तले आज एक दिवसीय शिविर का आयोजन गोंडवाना-भवन, ग्राम-पंचायत-खड़ा, बैकुंठपुर में किया गया। जिसमें गोड़, राज गोड़, कंवर, उरांव, भैना, कुडूक, बदिया, खैरावर, पाव, अगरिया, हल्वा , पण्डो, कोरवा, बैगा,चेरवा, बिंझवार, नगेशिया, कोडाकू,कोल,पठारी, परधान, धनुहार व सर्व आदिवासी कर्मचारी संघ जिला-कोरिया के विभिन्न समाज के लोग उपस्थित हुए। जिसमें समाज के लोगों को आजादी के 70 वर्ष एवं सविधान लागू हुये आज लगभग 67 वर्ष बीत जाने के बाद भी जो आदिवासीयो के हितों की रक्षा के लिए जो सविधान में प्रवधान लागू है उन्हें पूरे देश में हमारे अशिक्षा के कारण भारत के सभी सरकारों द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नही किया गया है।जिसका सबसे मूल कारण हमारे अशिक्षा व सविधान के प्रति जागरूक ना होना है। जिसके कारण हम मानसिक गुलामी के शिकार होकर अपनी संस्कृति व सभ्यता को भूलते जा रहे है। खोई हुई परम्परा संस्कृति, शैक्षणिक, सामाजिक व्यवस्था व सुरक्षा को सुधारने हेतु एक होकर आदिवासी के हितों की रक्षा व समाज को मजबूत बनाने के लिए जुझारू,कर्मठ एवं साहसी सेवकों का गठन किया गया। जिसमें समाज के लोगों को जागरूक करने के लिए सविधान में लागू विभिन्न धाराएं,गॉव गन्डराज सरकार का गठन,उद्देश्य, लाभ,आदिवासी गण्ड व्यवस्था, उसके प्रेणता,जल,जंगल, जमीन,खनिज, संस्कृति की रक्षा, जन,आंदोलन,अन्य समाज सेवी बुद्धजीवियों का उदबोधन, प्रशिक्षणार्थियों का उदबोधन,पुनेम शोध संगत,भाग -01,पूर्वधर्मी-दर्शन प्रकृति का सर्वोच्च मार्ग, पांचवी, छठवीं अनुसूची-आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि के रूप में तिरु.डॉ. नारवेन कासव टेकाम,तिरु.चंद्रिका प्रसाद आयाम,तिरु.सन्तोष मिंज,तिरु.हरिराम आंडिल्य,तिरु.जंगसाय पोया जी की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।