November 22, 2024

गरीब परिवारों को 17 प्रतिकिलो की दर से 2 किलो गुड़ हर महीने देने का प्लान

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रायपुर
 छत्तीसगढ़ सरकार ने सुपोषण अभियान  को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ‘मधुर गुड़ योजना’ की शुरुआत की है. सरकार का मानना है कि कुपोषण और एनीमिया मुक्ति में ये योजना काफी कारगर साबित होगी. बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  की अध्यक्षता में 3 जुलाई 2019 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बस्तर संभाग के सातों जिलों में कुपोषण और एनीमिया से मुक्ति के लिए ‘मधुर गुड़ योजना’ शुरू करने का निर्णय लिया गया था. जगदलपुर के मिशन कम्पाउंड ग्राउण्ड में आयोजित समारोह में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने ‘मधुर गुड़ योजना‘ का शुभारंभ किया. सरकार की मानें तो इस योजना से बस्तर संभाग के 6 लाख 59 हजार से अधिक गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा. गुड़ वितरण योजना पर प्रति वर्ष 50 करोड़ रूपए खर्च किया जाएगा. इस योजना के तहत प्रत्येक गरीब परिवार को 17 रुपए प्रतिकिलो की दर से 2 किलो गुड़ हर महीने देने का प्लान सरकार ने तैयार किया है.

बस्तर में होगा गुड़ का वितरण

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बस्तर क्षेत्र में गुड़ वितरण योजना कुपोषण मुक्ति के लिए शुरू की गई है. खाद्य मंत्री ने इस अवसर पर मधुर गुड़ तथा मलेरिया मुक्त बस्तर प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया और कहा कि खून की कमी और कुपोषण रोकने के लिए मलेरिया की रोकथाम बहुत जरूरी है. कुपोषण मुक्त और मलेरिया का रोकथाम अभियान छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण कदम है.

महिलाओं को मिलेगा लाभ

तो वहीं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि महिलाएं और बच्चों में कुपोषण दूर होने से परिवार और समाज मजबूत होगा और इससे मजबूत छत्तीसगढ़ का सपना साकार होगा. उन्होंने कहा कि सुपोषित और स्वस्थ छत्तीसगढ़ की कल्पना को साकार करने के लिए कुपोषित बच्चों के साथ ही किशोरी और गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन और पोषण आहार दिया जा रहा है.

गुड़ देने वाला पहला राज्य

उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि गरीब परिवारों को न्यूनतम दर पर चावल और गुड़ देने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है. इसके साथ ही कुपोषण दूर करने के लिए स्कूल और आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडा देने का कार्य भी इस सरकार द्वारा किया जा रहा है.

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