भोपाल: मंत्री ने चपरासी के तबादले की फाइल CM को भेजी, नाराज कमलनाथ ने बदला नियम
भोपाल. प्रदेश में अब फोर्थ क्लास के कर्मचारियों के तबादले का अधिकार विभागीय मंत्रियों को होगा. कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) ने आज पुरानी व्यवस्था को बदलते हुए चपरासी को बदलने का अधिकार मंत्रियों को सौंप दिया है. यह फैसला कैबिनेट (Cabinet) की बैठक में हुआ. सरकार ने अब फोर्थ क्लास कर्मचारियों के तबादले से लेकर दूसरे उच्च स्तर के कर्मचारी-अधिकारी के तबादले करने का अधिकार सीएम समन्वय के पास होने की व्यवस्था की है. हालांकि बेहद जरूरी वाले तबादले विभागीय मंत्री कर सकेंगे.
क्यों बदला नियम!
दरअसल, अपने चपरासी के तबादले की नोटशीट को लेकर बीते दिनों सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradhuman Singh Tomar) मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास पहुंचे और बताया था कि नियम के मुताबिक फोर्थ क्लास के कर्मचारी के तबादले अधिकार मुख्यमंत्री समन्वय के पास ही है. इससे नाराज मुख्यमंत्री ने पुराने नियम को बदलते हुए अब फोर्थ क्लास के कर्मचारियों के तबादले का अधिकार विभागीय मंत्रियों को सौंप दिया है. कमलनाथ कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई. यही नहीं, कैबिनेट की बैठक में शहरी विभाग के अफसरों की ट्रेनिंग का बड़ा केंद्र प्रदेश में बनाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई. शहरी इलाकों के विकास के लिए अब अफसरों को ट्रेनिग देने के लिए राष्ट्रीय स्तर का ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोला जाएगा.
कमलनाथ कैबिनेट की आज विधानसभा में हुई बैठक शहरी विकास मंच प्रशिक्षण संस्थान को बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कैबिनेट में सीएम के स्वेच्छानुदान फंड को बढ़ाने का भी फैसला हुआ. मुख्यमंत्री अब अपने फंड से डेढ़ सौ करोड़ रुपए की राशि तक खर्च कर सकेंगे.
कमलनाथ कैबिनेट के फैसलों पर नजर
>>सीएम कमलनाथ के स्वेच्छानुदान की राशि बढ़ी.
>>स्वेच्छानुदान का फंड सौ करोड़ से बढ़कर डेढ़ सौ करोड़ हुआ.
>>फोर्थ क्लास कर्मचारियों के तबादले अब बिना सीएम समन्वय के होंगे.
>>दूसरे संवर्ग के कर्मचारियों के समन्वय से होंगे.
>>प्रभारी मंत्रियों की मंजूरी से जरूरी तबादले हो सकेंगे.
>>शिक्षा विभाग में फिलहाल तबादलों पर रोक लगी रहेगी.
>>भिंड में 2012 में हुए गोलीकांड मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला.
>>शहरों के विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनिंग संस्थान को मंजूरी.
>>पान की पैदावार करने वाले किसानों को फसल के नुकसान पर प्रति एकड़ तीस हजार रुपए देने की मंजूरी.
>>निवाड़ी जिले में ई-गवर्नेंस के लिए 17 नए पदों को मंजूरी.
>>नई सड़कों का निर्माण एम्यूटी से कराने के प्रस्ताव को मंजूरी.
>>बारह सड़कों का निर्माण निजी एजेंसी के जरिए होगा. टोल टैक्स के जरिए सड़कों का होगा मेंटनेंस.