November 23, 2024

मध्य प्रदेश के खुशियां मापने के पैमाने ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ को किसकी नज़र लगी?

0

भोपाल
शिवराज सरकार के दौरान शुरू किया गया हैप्पीनेस इंडेक्स अब तक तैयार नहीं हुआ है. कमलनाथ सरकार का तर्क है कि वो खुशियों के पैमाने में नहीं बल्कि खुशियां लाने में भरोसा करती है. इसके लिए आने वाले दिनों में और भी कार्यक्रम चलाए जाएंगे. मध्य प्रदेश के आध्यात्म मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma) ने इस बारे में कहा कि हैप्पीनेस के प्रोग्राम आने वाले दिनों में और बढ़ाए जाएंगे. देश दुनिया में चल रहे हैप्पीनेस के प्रोग्राम मध्य प्रदेश में शुरु किए जाएंगे. सरकार की कोशिश लोगों में खुशियां लाना है.

बीजेपी का हमला
हैप्पीनेस इंडेक्स का काम ठंडे बस्ते में जाने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी की मानें तो इस सरकार में हर कोई दुखी है. यही वजह है कि सरकार हैप्पीनेस इंडेक्स लाने में डर रही है.

हैप्पीनेस इंडेक्स बनाने की कवायद 
शिवराज सरकार के दौरान अगस्त 2016 में मध्य प्रदेश में आनंद विभाग का गठन किया गया था. मध्य प्रदेश आनंद विभाग बनाने वाला देश का पहला राज्य था. आनंद विभाग बनने के बाद मध्य प्रदेश में हैप्पीनेस इंडेक्स बनाने की कवायद शुरु हुई थी. इसका मकसद लोगों में खुशियों का पैमाना मापना था. 10 जिलों के 900 लोगों के बीच सर्वे कराया गया था. सर्वे दो हिस्सों में था, पहला ओपन इंटरव्यू जबकि दूसरा डोमेन बेस्ड इंटरव्यू. ओपन इंटरव्यू में सर्वे के दौरान 5 सवाल पूछे गए. जबकि डोमेन बेस्ड इंटरव्यू में 11 सवाल पूछे गए. सर्वे की इस रिपोर्ट को आईआईटी खड़गपुर भेजा गया था. आईआईटी खड़गपुर ने हैप्पीनेस इंडेक्स के लिए इस सर्वे के आधार पर प्रश्नावली तैयार करने का काम किया था. इस प्रश्नावली के आधार पर ही एमपी में हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार होनी थी.

सरकार बदलते ही बदल गया नामकमलनाथ सरकार आनंद विभाग का नाम पहले ही बदलकर आध्यात्म विभाग कर चुकी है. हालांकि नाम बदलने के बावजूद विभाग की एक्टिविटी चल रही है और उसे नया रूप दिया जा रहा है लेकिन हैप्पीनेस इंडेक्स कहीं गुम हो गया है. इसकी वजह शायद ये भी हो सकती है कि कहीं लोगों की खुशियों का पैमाना सरकार के लिए गम की वजह न बन जाए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *