प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने राज्य सरकार ने भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम किया लागू

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भोपाल
प्रदेश में औद्योगिक निवेश आए और रोजगार के अवसर बढ़े इसके लिए निवेशकों को आकर्षित करने अब राज्य सरकार विकसित की जाने वाली औद्योगिक प्रयोजन की भूमि पचास से 75 फीसदी रियायत पर उपलब्ध कराएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम लागू कर दिए है।

औद्योगिक निवेश एवं नीति प्रोत्साहन विभाग ने जो मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम जारी किए है उसके तहत एक हेक्टेयर तक विकसित एवं विकसित की जाने वाली जमीन 75 प्रतिशत रियायत पर उपलब्ध कराएगी। एक से बीस हेक्टेयर तक जमीन पचास प्रतिशत कम दाम पर उपलब्ध कराई जाएगी। बीस हेक्टेयर से अधिक जमीन की जरूरत पड़ने पर उसमें किसी किस्म की रियायत नहीं दी जाएगी।

उद्योगों के लिए अविकसित भूमि आवंटन में भी जमीन की कीमतों में छूट दी जाएगी। औद्योगिक पार्क के लिए चालीस हेक्टेयर तक भूमि आवंटन पर भूमि के मूल्य में पचास प्रतिशत की प्रब्याजी की छूट दी जाएगी। अन्य औद्योगिक उपयोग के लिए प्रब्याजी की गणना करने के लिए भूमि के मूल्य में पचास प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसमें संयंत्र और मशनरी पर दस से सौ करोड़ रुपए निवेश करने पर दस हेक्टेयर, सौ से पांच सौ करोड़ तक निवेश पर बीस हेक्टेयर और पांच सौ करोड़ से अधिक निवेश करने पर चालीस हेक्टेयर तक जमीन छूट पर उपलब्ध कराई जाएगी।

वेयरहाउंसिंग प्रयोजन और उद्योग उपयोगी सेवा प्रदाता इकाईयों को आवंटित भूमि की प्रब्याजी, भूमि के मूल्य के बराबर होगी। रक्षा संयंत्र उत्पाद निवेश नीति, मध्यप्रदेश आईटभ्, आईटीईएस एवं ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत परिधान क्षेत्र में वृहद श्रेणी की निर्माण इकाईयों को विशिष्ट वित्तीय सहायता, सुविधाएं यथावत रहेंगी। एमपीएसआईडीसी अपने औद्योगिक क्षेत्रों के भूखंडों के आवंटन हेतु प्रीमियम की राशि में समुचित कारणों से आवश्यकतानुसार वृद्धि या कमी अपने संचालक मंडल की अनुमति से कर सकेंगे।

भूमि आवंटन के समय या उसके बाद निर्धारित भूभाटक की राशि का दस गुना एकमुश्त जमा करने पर बीस वर्षो के लिए भूभाटक से मुक्त रखा जाएगा।

औद्योगिक क्षेत्र में वृहद औद्योगिक इकाई को तीन प्रतिशत या अधिकतम पांच एकड़ जमीन पर श्रमिकों और तकनीकी स्टाफ के लिए निवास हेतु भवन निर्मित करने की छूट रहेगी।

औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड विकास के लिए निर्मित क्षेत्र अधिकतम साठ की जगह 75 फीसदी और फर्शी क्षेत्रानुसार एफएआर अब 1.25 की जगह 2 कर दिया गया है।

उद्योग उपयोगी सेवा प्रदाता इकाईयों जैसे लाउंण्ड्री, स्टीम, नेचुरल गैस, विद्युत प्रदान करने वाली इकाईयों को औद्यागिक भूमि के मूल्य पर विकसित भूखंड आबंटन का प्रावधान किया गया है। हमीन आबंटन के लिए  राशि जमा करने की अवधि साठ दिन से बढ़ाकर 120 दिन ब्याज सहित की गई है।

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