ईश्वर एक है और निराकार है-स्वामी परिवाज्रक

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रायपुर
जड़ कभी चेतन नहीं हो सकता और चेतन कभी जड़ नहीं हो सकता। चलती हुई कार भी जड़ है और खड़ी हुई कार्वी जड़ है,ठीक इसी तरह से मृत शरीर भी जड़ है और जीवित शरीर भी जड़ है जड़ों को दुख नहीं होता चेतन को दुख होता है। इसलिए शरीर कभी दुखी नहीं होता आत्मा को दुखिया कष्ट होता है। साकार उपासना वेद विरुद्ध है। ईश्वर का शुरू निराकार है और वेद में निराकार परब्रह्म की ही उपासना करने का विधान लिखा हुआ है।

आज कुछ विषयों को लेकर अंधविश्वास व पाखंड़ फैलाया जा रहा है इससे सावधान रहते हुए बचना होगा। वेद ऐेसी बातों को खारिज करता है। कर्मों के आधार पर ही सुख-दुख व्यक्ति को मिलता है। मोक्ष उसी व्यक्ति को मिलता है जिसके संसार के भोगों को भोगने की इच्छा शून्य हो जाती जब तक आपके भीतर सांसारिक सुखों के भोग की इच्छा रंच मात्र भी बची हुई है तब तक आपका मोक्ष नहीं होता। स्वामी दयानंद महर्षि पतंजलि कपिल कणाद यह सारे लोग मुक्त आत्मा पुरुष हुए हैं संस्कार उन्होंने मुक्ति प्राप्त की है। मुक्त आत्मा परोपकार की इच्छा रखते हैं परोपकार की इच्छा मुक्ति पाने का साधन भी है। उत्तरप्रदेश से पधारे प्रसिद्ध आर्य भजन उपदेशक योगेश दत्त सनी ईश्वर भक्ति के भजन गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध किया।

कार्यक्रम के संयोजक राकेश दुबे जी ने कहा कि चौकी की बात चौकी तक जानी चाहिए। बातें सिर्फ सुनने के लिए नहीं  आचरण में लाने के लिए भी है। राजेंद्र अग्रवाल, संजू शर्मा मंजू ऐश्वर्या, शीतल पटेल, रोहित नरूला अवनी भूषण पुराण प्रवीण गुप्ता रवी आर्य राम शर्मा सहित अनेक गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

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