विवि और कालेजों के मैदान पीपीपी मोड में होंगे विकसित
भोपाल
प्रदेश के विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों के खेल मैदानों को उच्च शिक्षा विभाग पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से विकसित करेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के लिए प्रदेश के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी है। इसमें उनके खेल मैदान और जमीन के बारे में जानकारी मांगी गई है। शुरूआती चरण में विभाग प्रदेश के लीड कॉलेजों के खेल मैदान को पीपीपी मोड से विकसित करेगा। इसके बाद दूसरे कॉलेजों के खेल मैदान विकसित किए जाएंगे।
उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही प्रदेश के सरकारी कॉलेजों की जमीन से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू करने जा रही है। इसे लेकर हर कॉलेज में एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। इसमें संबंधित कॉलेज से एक प्रोफेसर को नोडल आॅफिसर बनाने के साथ ही राजस्व और जिला प्रशासन के अधिकारियों को शामिल किया जा रहा है। अब इससे आगे बढ़ते हुए विभाग ने खेल मैदानों से अतिक्रमण हटाने के साथ ही उसे विकसित करने की योजना तैयार करने की जानकारी मंगाई है। कॉलेजों से पूछा गया है कि उनके पास कितनी जमीन है और उसमें से कितनी पर लोगों का अवैध कब्जा है।
साथ ही खेल मैदान की स्थिति क्या है। इसके साथ ही सरकार प्रयास कर रही है कि खेल मैदानों से कॉलेजों को राजस्व भी मिल सके। जिससे अतिरिक्त आय हो सके। सरकारी कॉलेजों की जमीन को लोकेशन के हिसाब से विकसित किया जाएगा। इसमें शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की संभावना बेहतर होगी और वहां नए शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनेंगे। इसमें यह ध्यान रखना होगा कि कॉलेज के खेल मैदान, परिसर व अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह रहे। इसके बाद बाकी अतिरिक्त जगह पर ही निर्माण होंगे। इसमें निजी सेक्टर से ही निर्माण कार्य कराया जाएगा। वहीं, एक ही जिले में अलग-अलग विशेषता वाले खेल मैदान चरणबद्ध तरीके से विकसित किए जाएंगे।
प्रदेश के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से उनके संस्थान के खेल मैदान से लेकर जमीन तक के बारे में विवरण के साथ जानकारी मांगी गई है। अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है। खेल मैदानों को भी अतिक्रमण से मुक्त कराकर पीपीपी मोड से उसका विकास कराया जाएगा।
जीतू पटवारी, मंत्री, उच्च शिक्षा