November 23, 2024

शिक्षा गुणवत्ता के लिए बच्चों की बुनियाद मजबूत होना जरूरी – द्विवेदी

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रायपुर
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी ने कहा है कि शिक्षा गुणवत्ता के लिए बच्चों की बुनियाद मजबूत होना जरूरी है। बुनियाद मजबूत होगी तभी बच्चें आगे की कक्षा में पढ़ाई को समझ सकेंगे। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शिक्षा गुणवत्ता की तैयारी में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी है। राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की कक्षाओं के लिए विषय बार रूब्रिक्रस तैयार करने में छह माह और राज्य स्तरीय आकलन में एक वर्ष आगे है। श्री द्विवेदी आज रायपुर में आयोजित निष्ठा प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित की-रिसोर्स पर्सन्स और राज्य रिसोर्स पर्सन्स को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की कक्षाओं के लिए तैयार विषय बार रूब्रिक्रस का विमोचन भी किया गया।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा कि छत्तीगढि?ा सबले बढि?ा केवल बातों से ही नहीं बल्कि नतीजों में भी दिखना चाहिए। यह नतीजे बच्चे ही लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूर स्कूलों तक शिक्षकों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे। प्रयास यह होना चाहिए कि जो पढ़ाया जा रहा है, बच्चे उसे अंगीकृत करने के साथ इसका उपयोग जीवन में भी करें। कक्षा में पाठ को सुनना, समझना और उपयोग करना बच्चे सीखें। शिक्षक बच्चों को कक्षा में अच्छे से समझाकर उसके उपयोग लायक बनाएं। श्री द्विवेदी ने कहा कि बच्चों को पढ़ाने और सिखाने के तरीके तो बहुत है, लेकिन इन्हें एक सूत्र में होना जरूरी है। छत्तीसगढ़ में राज्य स्तरीय आकलन ने शिक्षा गुणवत्ता को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। राज्य स्तरीय आकलन के आधार पर रूब्रिक्स तैयार किए गए है। उन्होंने कहा कि सभी लर्निंग आउटकम बच्चों को सिखाया जाता है, लेकिन जरूरी नहीं कि सभी बच्चे सभी लर्निंग आउट कम को समझ सके। शिक्षक बच्चों की कमजोरी को समझकर उसे दूर करें।

गौरव द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर निष्ठा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत देशभर में 42 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ में भी राष्ट्रीय रिसोर्स पर्सन्स और विशेषज्ञों द्वारा 5 दिन तक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि हर राज्य की परिस्थिति और आवश्यकता अलग-अलग है। छत्तीसगढ़ भी अपनी आवश्यकता के अनुसार यहां प्रतिभागियों को दो दिन प्रशिक्षण देगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा राज्य स्तरीय आकलन विश्लेषण आधारित कक्षावार और विषयवार प्रशिक्षण माड्यूल तैयार किया गया है, जो सभी प्रतिभागियों को प्रदान किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में बच्चों के स्तर अनुसार प्रशिक्षण के लिए तैयार की गई किताबों को अच्छी तरह समझने पर ही बेहतर परिणाम सामने आएंगे। प्रशिक्षण के दौरान विषय विशेषज्ञ इसकी जानकारी देंगे। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षकों को जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस अवसर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की अतिरिक्त संचालक डॉ. सुनिता जैन, संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, केपीएमजी के संचालक सुश्री चारू मल्होत्रा, उप संचालक श्री करमन खटकर, श्रीमती किस्पोट्टा, श्रीमती लकड़ा, सुश्री विद्या चन्द्राकर सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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