November 23, 2024

टाइप-2 डायबीटीज में मददगार साबित होगी मशरूम

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टाइप-2 डायबीटीज तेजी से बढ़ती हुई बीमारी है। खासतौर पर यंगस्टर्स इस बीमारी की तरफ तेजी से ग्रोथ कर रहे हैं। इसकी बड़ी वजह है लाइफस्टाइल, फास्ट फूड और बढ़ता हुआ प्रदूषण। टाइप-2 डायबीटीज एक ऐसी बीमारी है जो एक बार आपको अपनी गिरफ्त में लेने के बाद जीवनभर आराम से पीछा नहीं छोड़ती है। अगर आप इस आफत से बचना चाहते हैं तो मशरूम आपके लिए मददगार साबित हो सकती है…

मशरूम की खूबियां
मशरूम में कैलरीज की मात्रा बहुत कम होती है। फैट ना के बराबर होता है और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी बहुत कम होती है। मशरूम हमारी बॉडी को सीमित मात्रा में फाइवबर प्रोवाइड कराती है। इसके साथ ही फ्रेश मशरूम खाने में बहुत स्वादिष्ट भी होती है। तो टेस्ट लवर्स को और क्या चाहिए। क्योंकि मशरूम तो टेस्ट लवर्स के लिए भी बेस्ट और डायट कॉन्शस लोगों के लिए भी पर्फेक्ट फूड है।

वेट मैनेजमेंट में पर्फेक्ट
डायट एक्सपर्ट्स का मानना है कि फ्रेश मशरूम वेट को मैनेज में बहुत मददगार है। क्योंकि इसमें इसकी अपनी कई खूबियों के साथ ही एक खूबी ढेर सारा वॉटर कंटेंट होने की भी होती है। पानी की मात्रा, लो फैट और लो फाइबर ये तीन ऐसी खूबियां हैं जो बॉडी वेट मेंटेन रखने के लिए आपके खाने में होनी जरूरी हैं।

जरूरी फाइबर की पूर्ति
डायट एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक हेल्दी व्यक्ति को प्रतिदिन 25 से 35 ग्राम फाइबर कंज्यूम करना चाहिए। मशरूम में सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल दोनों तरह का फाइबर होता है। सॉल्यूबल यानी घुलनशील फाइबर ब्लड शुगर का लेवल सही बनाए रखने में मदद करता है। इस तरह सिर्फ मशरूम नहीं बल्कि फ्रेश मशरूम डायबीटीज के मरीजों को हेल्दी रखने का काम करती है।

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