रेत के खेत से चांदी काट रहा माफिया,आखिर कब तक चलेगा जिले में अवैध खनन का खेल
जोगी एक्सप्रेस
शहडोल,अखिलेश मिश्रा । रेत, पत्थर, मुरुम जैसे गौण खनिज ही नहीं कोयला जैसे महत्वपूर्ण एवं राष्ट्रीयकृत खनिज का दोहन भी जिले में जोर-शोर से जारी है। सवाल है कि आखिरकार अवैध खनन का खेल कब तक चलेगा। माफिया पुलिस, प्रशासन से आंख मिचौली खेलते रहते हैं। प्रशासन सख्ती दिखाता है तो कुछ दिन शांति छा जाती है और कुछ दिनों बाद ही दिन दूनी रात चौगुनी गति से अवैध कारोबार पुन: शुरू हो जाता है। हालांकि खनन माफिया की नजर जिले की हर खनिज संपदा पर है लेकिन रेत के खेत से चांदी काटने का गोरख धंधा पूरे शवाब पर है और विभागीय अमला कुछ भी नहीं कर पा रहा है।
सोन पर माफिया का कब्जा
जिले के जरवाही घाट, डाला घाट, पटासी, दियापीपर में तो रेत का ठेका लेकर माफिया ने पूरी की पूरी सोन नदी पर कब्जा जमा ही लिया है, वन भूमि से भी बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। सोन नदी के किनारे बसे गांवों में खनन माफिया द्वारा बालू का अवैध खनन कर न सिर्फ जिाला मुख्यालय व जिले के विभिन्न स्थानों पर बल्कि संभाग व प्रदेश के बाहर डंके की चोट पर रेत का परिवहन किया जा रहा है। रेत खनन की लीज वाले घाटों में तो रेत माफिया पॉकलेन मशीन से खनन शुरू कर रहे है। रातो दिन में अवैध खनन चलता है। पुलिस-प्रशासन की नाक तले खनन का खेल चलता है, इस वजह से सवाल उठने लाजिमी हैं क्योकि अफसरों के आंखों के सामने खनन होता रहता है और माफियाओं पर कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति अधिक होती है।
…माफिया के सामने नतमस्तक
पुलिस और प्रशासनिक अफसरों द्वारा कार्यवाही पर यदि गौर किया जाए तो एक बात ही रह-रह कर सामने आती है वह यह कि पुलिस,और खनिज विभाग का मैदानी अमला सिर्फ ट्रैक्टर ट्राली में रेत का परिवहन करने वाल छुटभैया व्यापरियों के लिये ही शेर बना रहता है, खनिज माफिया का नाम आते ही ढेर हो जाता है। दिन-रात हाइवे पर दौड़ रहे उन हाइवा वाहनों पर कार्यवाही करने के नाम पर ही सांप सूंघ जाता है जो रीवा, इलाहाबाद और लखनऊ तक रेत लेकर जाते हैं।
कैसे खुल गया बंद रास्ता
रेत खनन के बाद उसके परिवहन के लिए खनन माफिया ने पटासी घाट में अवैधानिक तरीके से जेसीबी लगाकर रास्ते का निर्माण किया था जिसे गतवर्ष पुलिस द्वारा जेसीबी लगाकर बंद करा दिया गया लेकिन माफिया ने पुन: प्रशासन द्वारा बंद किये गए मार्ग को खोल लिया गया और अब धड़ल्ले से रेत का परिवहन हो रहा है क्योंकि प्रशासन ने एक बार की कार्यवाही के बाद अपना मुंह फेर लिया है।