छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्यूँ मचा हुआ है घमासान, कहाँ जा रही राजनीति ? एक नज़र प्रकाशपुंज पाण्डेय के साथ…
छत्तीसगढ़ के राजनीतिक विश्लेषण पर प्रकाशपुन्ज पाण्डेय की रिपोर्ट
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर ,छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना के 17वें साल में है। सभी की जिंदगी में 17 वें साल से कुछ न कुछ परिवर्तन जरूर आता है। आम तौर पर 17 के आंकड़े को खतरा माना जाता है। तो क्या यह छत्तीसगढ़ राज्य के साथ भी घटित होने वाले है? जी हाँ! आसार तो कुछ ऐसे ही नज़र आ रहे हैं।
सन 2000 में बने छत्तीसगढ़ राज्य की पहली कमान मिली आईएएस रहे अजीत प्रमोद जोगी को। काँग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ की प्रथम सरकार बनाई। राज्य नया होने के कारण बहुत सी कठिनाईयां भी आईं। फिर अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद भाजपा सत्ता में आई। काँग्रेस में अंदरूनी कलह और गुटबाजी के कारण आज तक काँग्रेस सत्ता में नहीं आ पाई जिसका लाभ हर बार भाजपा को मिला। भाजपा लगातार 3 बार से सत्ता में है और मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के चेहरे के साथ 5000दिन पूरे कर चुकी है।
पर इन विगत 17 सालों में कई राजनीतिक उतार चढ़ाव आए, छत्तीसगढ़ ने बहुत अच्छे बुरे दिन देखे, कई घटनाएं घटित हुईं चाहे राजनीतिक परिदृश्य में हो, सामाजिक हों, आदिवासियों की समस्या हो या फिर नक्सलवाद की समस्या हो।
2016 में राजनीतिक सर्गरमियाँ तेज तब हो गईं जब काँग्रेस के फायर ब्रांड नेता और छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री, अजीत जोगी ने कांग्रेस छोड़ कर अपनी नई राजनीतिक पार्टी (जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे) बनाने का ऐलान किया। काँग्रेस और भाजपा में हलचल मच गई, लोग अपने अपने तर्क निकालने लगे। कई नेता और कार्यकर्ता काँग्रेस और भाजपा छोड़, जोगी की नई पार्टी में प्रवेश कर गये और सक्रीयता से पार्टी के प्रचार प्रसार में जुट गए।
2017 आते आते कई लोगों ने जोगी की पार्टी छोड़ भी दी और छत्तीसगढ़ की राजनीति और दिलचस्प होती गई। सितंबर 2017 में जोगी ने एक बार फिर से नई राजनीतिक चाल चलते हुए बड़ी चालाकी से 2018 विधानसभा चुनाव से कुछ साल भर पहले ही आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी की ओर से 11 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। एक बार फिर से छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई।
अब बात करें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की…
रायपुर में चार विधानसभा क्षेत्र हैं – रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण, रायपुर पश्चिम और रायपुर ग्रामीण। मौजूदा दौर में रायपुर दक्षिण से विधायक हैं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल, रायपुर पश्चिम से भाजपा के नेता और मंत्री राजेश मुणत, रायपुर उत्तर से भाजपा नेता श्रीचंद सुंदरानी और रायपुर ग्रामीण से काँग्रेस के कद्दावर नेता सत्यनारायण शर्मा विधायक हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इस बार के चुनाव में तीसरी पार्टी, जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रत्याशी भी काँग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को टक्कर देने के लिए चुनावी रण में उतरेंगे।
अाईए अब बात करते हैं, तीनों राजनीतिक दलों के आगामी चुनाव में संभावित प्रत्याशियों के बारे में…
रायपुर दक्षिण – भाजपा से ब्रजमोहन अग्रवाल, काँग्रेस से वर्तमान महापौर प्रमोद दुबे और पूर्व महापौर किरणमयी नायक परंतु जनता काँग्रेस से अभी तक कोई नाम सामने नहीं आ रहा है। वैसे जोगी कांग्रेस को मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल को टक्कर देने के लिए कोई बड़ा चेहरा मैदान में उतारना पड़ेगा।
रायपुर पश्चिम – भाजपा से मंत्री राजेश मुणत, काँग्रेस से दबंग युवा नेता विकास उपाध्याय, मौजूदा महापौर प्रमोद दुबे, काँग्रेस के मीडिया चेयरमैन ज्ञानेश शर्मा एवं जनता कांग्रेस से युवा जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी, वैसे सूत्रों के मुताबिक विनोद तिवारी रायपुर के अलावा शहर के समीप किसी विधानसभा सीट से भी प्रत्याशी हो सकते हैं।
रायपुर उत्तर – भाजपा से वर्तमान विधायक श्रीचंद सुंदरानी, पूर्व महापौर सुनील सोनी, कन्हैया लाल छुगानी, आरडीए के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव और भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने। सूत्रों के मुताबिक संजय श्रीवास्तव की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है। काँग्रेस से पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा और रमेश वर्लयानी के अलावा कुकरेजा परिवार से कोई व्यक्ति अपनी दावेदारी पेश कर सकता है। जोगी कांग्रेस की ओर से भी इस सीट के लिए कुछ प्रबल दावेदार सामने आ रहे हैं जिनमें मुख्य रूप से पार्टी प्रवक्ता नितिन भंसाली और पार्टी के नेता अमर गिदवानी शामिल हैं। गौरतलब है कि कुछ समाचार पत्रों और चैनलों के मुताबिक नितिन भंसाली की दावेदारी मजबूत है चूकीं वे पार्टी के पक्ष को प्रमुखता से मीडिया में रखते हैं और सामाजिक संगठन के जरिए भी जनसेवा के लिए तत्पर रहते हैं।
रायपुर ग्रामीण – काँग्रेस से वर्तमान विधायक और कद्दावर नेता सत्यनारायण शर्मा, भाजपा से पूर्व विधायक नंदे साहू और पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष केदार गुप्ता एवं जोगी कांग्रेस से पहले से ही घोषित उम्मीदवार ओमप्रकाश देवांगन।
कुल मिलाकर रायपुर की चारो सीटो पर किस पार्टी का कब्जा होगा यह अभी से कह पाना बहुत मुश्किल है लेकिन कोई भी सीट किसी भी राजनैतिक दल के लिए आसान नही होगी, इतना तो अभी से तय है .