November 27, 2024

JNU हिंसा पर बोले गौतम गंभीर, इन गुंडों को सख्त सजा दी जानी चाहिए

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नई दिल्ली
पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार (5 जनवरी) शाम को नकाबपोश लोगों के हिंसक हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी कैंपस में इस तरह की हिंसा देश की मूल्यों के खिलाफ है। साथ ही उन्‍होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

गौतम गंभीर ने जेएनयू में हुई हिंसा पर एक ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- ''विश्वविद्यालय परिसर में इस तरह की हिंसा पूरी तरह से इस देश के मूल्यों के खिलाफ है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या विचारधारा या आपका झुकाव किस तरफ है। छात्रों के साथ इस तरह की हिंसा नहीं की जा सकती। इन गुंडों को सख्त सजा दी जानी चाहिए, जिन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश करने का साहस किया है।

बता दें कि जेएनयू परिसर में रविवार शाम को नकाबपोश अज्ञात लोगों के एक समूह ने छात्रों पर हमला कर दिया, जिसमें छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष और महासचिव समेत 20 लोग घायल हो गए हैं। सभी घायलों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती किया गया है। जिसमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला किया, परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। जेएनयू के पूर्व छात्र तथा केन्द्रीय मंत्री एस. जयशंकर और निर्मला सीतारमण ने जेएनयू में हुई हिंसा की घटना की निंदा की है। सीतारमण ने कहा कि सरकार चाहती है कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित स्थान बने।

वहीं, गृह मंत्री और एचआरडी मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस और जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस प्रमुख और जेएनयू प्रशासन से बात की और जेएनयू में स्थिति के बारे में पूछताछ की।
    
छात्रों ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों और शिक्षकों के साथ मारपीट की। कुछ वायरल वीडियोज फुटेज में पुरुषों के एक समूह को दिखाया गया जो हॉकी लिए इमारत में घूम रहे थे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने फ्लैग मार्च किया और जेएनयू प्रशासन से लिखित अनुरोध मिलने के बाद स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया।

वाम-नियंत्रित जेएनयूएसयू और एबीवीपी ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया। छात्र संघ ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के सदस्यों द्वारा किए गए पथराव में घोष सहित उसके कई सदस्य घायल हो गए।

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