ग्रामीण इलाको में झोला छाप डॉक्टर सक्रिय स्वास्थ अमला महज टिकाकरण तक सीमित
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के उपस्वास्थ्य केंद्र चिपरिकोना में नर्स नही महिलाओ को हो रही परेशानी
जोगी एक्सप्रेस
बसना-अनुराग नायक, अंचल की ग्रामीण चिकित्सायें सेवायें झोलाछाप डॉक्टर तथा कथित चिकित्सको के भरोसे पर टिकी हुई है।। शासन प्रशासन द्वारा अंचल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भले ही संचालित कराया जा रहा है।। लेकिन शासकीय चिकित्सा सेवा गांवो में महज टीकाकरण कार्यक्रम तक ही सीमित होकर रह गया है। ग्रामीण इलाकों में शासन ने मितानिनों को भी दवाई प्रदान कर चिकिस्ता सेवाए का विस्तार किया है।लेकिन विडंबना है कि शासन द्वारा तमाम तरह की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के बावजूद बसना ब्लॉक का ग्रामीण इलाका झोला छाप डॉक्टरों की चपेट में है।। गौरतलब है कि गांव गांव मे अपनी दुकानदारी संचालित करने वाले झोला छाप डॉक्टर मरीजो की सेहत से खिलवाड़ करने कोई कसर नही छोड़ते।। ऐसे तथा कथित डॉक्टर सामान्य सर्दी खांसी बुखार से लेकर खून ट्रांस्प्लेट सहित गम्भीर बीमारियों से पीड़ित मरीज के इलाज में भी पीछे नहीं हटते ।। हालांकि ऐसे मरीजों की बीमारी बढ़ने एंव प्रकरण के गम्भीर हो जाने की स्थिति में तथा कथित झोला छाप डॉक्टर ऐसे अस्पताल या नर्सिंग होम में मरीज को ले जाने की सलाह दे बैटते है जहाँ मरीज के पहुँचने की स्थिति में उनका मोटा कमीशन उन्हें हासिल हो जाता है ।। खास कर ग्रामीण अंचल में लचर व्यवस्था के चलते अधिकांश लोग प्राइवेट अस्पताल से महंगी स्वास्थ्य सेवाएं लेने पर विवश हैं।।
वही विकास खण्ड बसना अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्राम चिपरी कोना उपस्वास्थ्य केंद्र में नर्स नही होने के कारण महिलाओं को भी परेशानी हो रही है।।