नवाचारी गतिविधियों के जरिए बच्चों के व्यवहार में दिखे सकारात्मक परिवर्तन: श्री पी. दयानंद
रायपुर
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के संचालक श्री पी. दयानंद ने आज निष्ठा (नेशनल इनिसिएटिव ऑन स्कूल टीचर हेड हॉलीस्टिक एडवांमेंट) एकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण स्थल पर उपस्थित लगभग 600 स्टेट रिसोर्स पर्सन्स और की-रिसोर्स पर्सन्स से निष्ठा कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर ले जाने और शिक्षिकों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन कर संवर्धन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों में लीडरशिप की भावना का विकास कर नवाचारी गतिविधियों के जरिए बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन दिखना चाहिए। श्री पी. दयानंद ने इसके पूर्व प्रशिक्षण स्थल, भोजन और आवासीय परिसर का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि निष्ठा कार्यक्रम पूरे देशभर के शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए शुरू किया गया है। छत्तीसगढ़ में निष्ठा के तहत पहला आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो रहा है। इसमें पहले स्टेट रिसोर्स पर्सन्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद यह स्टेट रिसोर्स पर्सन्स जिलों के रिसोर्स पर्सन्स और फिर विकासखण्ड में शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने निष्ठा कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए मुख्य स्त्रोत व्यक्ति और राज्य स्त्रोत व्यक्ति की भूमिका की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह शिक्षक राज्य के डेढ़ लाख शिक्षकों को विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इसके बाद एमआईएस के प्रभारी श्री शैलेन्द्र वर्मा ने निष्ठा कार्यक्रम के ऑनलाईन सिस्टम के संबंध में तकनीकी जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्य समन्वयक श्री संजय गुहे, श्री ए.के. सारास्वत, श्री नितिन तालुकदार, श्री हेमंत साव, श्री प्रशांत पाण्डेय, श्री सुनील मिश्रा, श्री बी. रघ्घु, श्री व्ही.के. तिवारी सहित कार्यक्रम के प्रभारी उपस्थित थे।