नोएडा SSP के वायरल अश्लील वीडियो पर योगी ने लिया संज्ञान, मेरठ आईजी से मांगी रिपोर्ट
नोएडा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण के कथित वायरल अश्लील वीडियो का संज्ञान लिया है।सीएम ने मेरठ के आईजी रेंज आलोक सिंह से इस पूरे मामले पर जांच रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही योगी ने एसएसपी के द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया है। योगी ने सीएम कार्यालय से एसएसपी नोएडा के द्वारा भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट भी तलब की है। एसएसपी नोएडा ने मुख्यमंत्री को भेजी अपनी रिपोर्ट में आईपीएस अफसरों पर लगाए भ्रष्टाचार सहित तमाम तरह के आरोप लगाए थे। वायरल हुए अश्लील वीडियो के पीछे वैभव कृष्ण ने ऐसे ही अफसरों को मुख्य साजिशकर्ता बताया है।
एसएसपी के फर्जी वीडियो मामले में मुकदमा दर्ज
एसएसपी वैभव कृष्ण के तीन कथित फर्जी अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले अपराधियों के खिलाफ एसएसपी ने देर रात मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस घटना की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि उक्त वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले के खुलासे के लिए साइबर सेल व थाना सेक्टर-20 पुलिस की एक टीम बनाकर जांच की जा रही है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर दो दिनों से वायरल हो रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद बुधवार रात एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिए षड्यंत्र रचा गया है। उन्होंने कहा कि एक साल की पोस्टिंग के दौरान उन्होंने संगठित अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार में शामिल पुलिस विभाग के कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। अवैध उगाही में शामिल कई तथाकथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश में व्यापक पैमाने पर चल रहे होमगार्ड वेतन घोटाले का खुलासा किया है।
एसएसपी ने बताया कि उनकी छवि को खराब करने की नीयत से ही कुछ लोगों ने उनके खिलाफ षड्यंत्र कर फर्जी अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। उन्होंने बताया कि एक माह पूर्व उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी है। जिसमें कई आईपीएस अफसरों तथा पत्रकारों व नेताओं के एक संगठित गिरोह का खुलासा किया गया है जो उत्तर प्रदेश में ठेका दिलवाने, पोस्टिंग करवाने, अपराधिक कृत्य को संरक्षण देने आदि का काम करते हैं। उन्होंने शक जताया कि उक्त गिरोह के लोगों ने ही उनके खिलाफ षड्यंत्र रच कर फर्जी वीडियो को वायरल किया है।