10 लाख की नशीली दवाई के साथ 4 आरोपी गिरफ्तार, प्रदेश भर में होता था सप्लाई
दुर्ग
लंबे समय से प्रदेश भर में फलफूल रहे नशे के अवैध कारोबार का दुर्ग पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. छापेमार कार्रवाई करते हुए 60 पेटी प्रतिबंधित सिरप और 19 डिब्बा अल्प्राजोलम टैबलेट जब्त किया है. जिसकी कीमत करीब 10 लाख रुपए आंकी जा रही है. मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई है. पुलिस के पूछताछ के बाद मामले में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है.
दरअसल दुर्ग पुलिस नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ लगातार ‘जियो खुलकर अभियान’ के तहत कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में बड़ी मात्रा में नशीली दवाई का जखीरा बरामद किया गया. पुलगांव थाना क्षेत्र के जुनवानी में पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की शंकराचार्य कॉलेज मार्ग के पास कार में 3 युवक नशीली दवाइयों को खपाने की फिराक में ग्राहक तलाश रहे हैं. पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए कार से नशीली दवाई जब्त किया और तीनों युवक अमृत देवांगन, सुमित भोई, अमनप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि नशीली दवाई जेजे इंटरप्राईजेंस के संचालक मनोज रमानी से खरीदा गया. पुलिस ने जब मनोज रमानी के गोदाम में छापेमारी की, तो भारी संख्या में नशीली दवाइयां पाया.
एसएसपी अजय यादव ने बताया कि आरोपियों द्वारा लम्बे समय से नशे का अवैध कारोबार को संचालित कर रहे थे. जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई. उनके पास से एक क्रेटा और दवाई गोदाम से कुल 60 पेटी (7200 नग) प्रतिबंधित नशीली सिरप और 19 डिब्बा अल्प्राजोलम टैबलेट बरामद किया गया है. जिसकी अनुमानित कीमत 10 लाख बताई जा रही है. आरोपी मनोज रमानी द्वारा नशीली दवाइयों को दिल्ली से बाई रोड या ट्रेन के माध्यम से दवाइयों मंगाया जाता था. आरोपियों द्वारा पूरे राज्य भर में नशीली दवाइयों की सप्लाई की जा रही थी.
पुलिस का दावा है कि पूछताछ में और भी खुलासा होने की संभावना है. बहरहाल पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. प्रतिबंधित दवाओं पर निगाह रखने और समय-समय पर कड़ी कार्रवाई करने वाले खाद्य एंव औषधि विभाग के नाक के नीचे लम्बे समय से चल रहे इस अवैध कारोबार का खुलासा होना साफ जाहिर करता है कि खाद्य एंव औषधि विभाग पूरी तरह से सुस्त है. जिस पर सवालिया निशान उठना लाजमी है.