सोनभद्र और मिर्जापुर में सहकारी समितियों ने 660 करोड़ की जमीन हड़पी
लखनऊ
सोनभद्र और मिर्जापुर की कृषि सहकारी समितियों की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुधवार देर रात सौंप दी गई। जांच रिपोर्ट में सोनभद्र और मिर्जापुर में 6,602 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा किए जाने का मामला पकड़ में आया है। इसकी कीमत मौजूदा समय में 660 करोड़ रुपये के आसपास बताई गई है।
जांच रिपोर्ट में दोनों जिलों में तैनात रहे कुछ जिलाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाया गया है। साथ ही मिर्जापुर के एक तहसीलदार और एक नायब तहसीलदार को सीधे तौर पर दोषी पाया गया है। इसके अलावा राजस्व से जुड़े करीब 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके लिए दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ जल्द कार्रवाई हो सकती है। सरकार इन समितियों के कब्जे से जमीन वापस लेगी।
सात समितियों ने गड़बड़ी की
अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक सोनभद्र की तीन सहकारी समितियों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। इनमें मेंसवार कृषि सहकारी समिति, पेढ कृषि सहकारी समिति और बरौधी कृषि सहकारी समिति शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार मिर्जापुर की चार समितियों- गोपालपुर कृषि सहकारी समिति, बड़ोही कृषि सहकारी समिति, मेवाड़ी कृषि सहकारी समिति और पटेहरा कला कृषि सहकारी समिति ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है। गोपालपुर कृषि सहकारी समिति एक कद्दावर कांग्रेसी नेता से जुड़ी है।
कदम दर कदम होती रही अनदेखी
रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों जिलों में तैनात राजस्व अधिकारियों ने कदम दर दम नियमों की अनदेखी की। सरकारी जमीनों पर कब्जा होता रहा और अधिकारी आंख मूंदे रहे। जांच में इनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की तैयारी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कुछ अधिकारियों के खिलाफ नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को भी कार्रवाई के लिए लिखा जा सकता है।
कुल 1100 पेज की जांच रिपोर्ट
रेणुका कमेटी ने मुख्यमंत्री को जो जांच रिपोर्ट सौंपी है, वह करीब 1100 पेज की बताई जा रही है। इसमें 500 पेज की रिपोर्ट है और 600 पेज इससे जुड़े रिकॉर्ड दिए गए हैं। जांच कमेटी ने वर्ष 1952 से लेकर 2019 तक की जांच की है। दोनों जिलों की कुल 39 सहकारी समितियों की जांच होनी थी, जिनमें से तीन का रिकॉर्ड नहीं मिला। जांच के दौरान 12380 एकड़ जमीनों की जांच की गई।
चार महीने चली जांच
मुख्यमंत्री योगी ने सोनभद्र के उभ्भा गांव की घटना के बाद अपर मुख्य सचिव राजस्व को जांच सौंपी थी। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद 7 अगस्त 2019 को सोनभद्र और मिर्जापुर मामले की जांच के लिए रेणुका कुमार की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्रा इसके सह अध्यक्ष बनाए गए। रमेश पांडेय सीसीएफ वन विभाग, राम प्रकाश सिंह अपर निबंधक सहकारिता कृषि निवेश, राजेश कुमार कुलश्रेष्ठ उप निबंधक सहकारिता सदस्य और विशेष सचिव राजस्व सदस्य समन्वयक बनाए गए। जांच रिपोर्ट तीन महीने यानी नवंबर में दी जानी थी, लेकिन इसे चार महीने बाद सौंपा गया।