November 22, 2024

मेरा मुख्य फोकस आर्मी को किसी भी समय किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार करना: नरवणे

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नई दिल्ली
देश के नए आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने पद संभालते ही आज पड़ोसी देश पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर वह राज्य प्रायोजित आतंकवाद को नहीं रोकता है तो भारत के पास ऐहतियातन आतंकी अड्डों पर हमले करने का अधिकार है। मंगलवार को जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में नरवणे ने साफ कहा कि पाकिस्तान के उकसावे या उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के किसी भी कृत्य का जवाब देने के लिए कई सारे विकल्प मौजूद हैं। पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए अधिक समय तक छद्म युद्ध नहीं चला सकता है।

सेना प्रमुख ने कहा, 'हमने प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्पित दंडात्मक जवाब की रणनीति बनाई है। पाकिस्तानी सेना की राज्य प्रायोजित आतंकवाद से ध्यान हटाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गई हैं। आतंकवादियों के सफाए और आतंकी नेटवर्क की तबाही के कारण पाकिस्तानी सेना के छद्म युद्ध की मंशा को झटका लगा है।'

खतरे का सामना करने के लिए तैयार
सेना की ऑपरेशनल तैयारियों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मेरा मुख्य फोकस आर्मी को किसी क्षण किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार करना होगा। 37 वर्षों की सेवा में जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में अत्यधिक सक्रिय आतंकवाद-रोधी वातावरण में काम कर चुके आर्मी चीफ ने कहा, 'जहां तक हमारे पड़ोसी की बात है, वह आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के रूप में इस्तेमाल करते हुए हमारे खिलाफ छद्म युद्ध चला रहा है। फिर इससे इनकार करता है। हालांकि, यह अधिक दिनों तक नहीं चल सकता। आप सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते हैं।'

आतंकवाद वैश्विक समस्या
जनरल मुकुंद नरवणे ने कहा, 'आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है। भारत सालों से आतंकवाद प्रभावित रहा है। अब पूरी दुनिया और कई देश आतंकवाद से पीड़ित हैं और उन्हें इस खतरे का अहसास हो रहा है।'

'घुसपैठ के लिए सीजफायर, हम तैयार'
सेना प्रमुख ने सीजफायर उल्लंघन को लेकर कहा, 'सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। हमें पता है कि दूसरी तरफ लॉन्च पैड्स पर आतंकवादी हैं, जो सीमा पार करने की प्रतीक्षा में हैं, लेकिन हम उनसे निपटने को पूरी तरह तैयार हैं।'

'ऑपरेशनल तैयारी पर जोर'
आर्मी चीफ ने ऑपरेशनल तैयारी का स्तर ऊंचा बनाए रखने को अपना लक्ष्य बताते हुए कहा, 'खासतौर से पिछले कुछ वर्षों में मेरे अनुभव के कारण मेरा ऐसा विचार बना है कि ट्रेनिंग के साथ-साथ ऑपरेशनल पार्ट भी महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि ऑपरेशनल तैयारियों के उच्च मानकों को बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है।' चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा 'हम समूचे सैन्य तंत्र में जो महत्वपूर्ण सुधार लाना चाहते हैं, सीडीएस निस्संदेह उन बदलावों की राह तैयार करेंगे।'

'उत्तरी सीमा पर ध्यान'
चीन के साथ लगी 3500 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर जनरल नरवणे ने कहा, 'हमने प्राथमिकताओं को फिर से संतुलित करने के तहत पश्चिमी सीमा से उत्तरी सीमा पर ध्यान केंद्रित किया है। हम उत्तरी सीमा के पास क्षमता निर्माण में सुधार करना जारी रखेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर हम तैयार रहें।'

'अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने का फायदा'
मुकुंद नरवणे ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने को लेकर कहा, 'अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने के बाद जमीन पर स्थिति में निश्चित सुधार है। हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अच्छा है। यह क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए एक कदम आगे बढ़ाता है।'

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