खरीदार नहीं मिला तो जून तक बंद हो जाएगी एयर इंडिया: एयरलाइन अधिकारी
मुंबई
भारी कर्ज के बोझ में दबी सरकारी एयरलाइंस कंपनी 'एयर इंडिया' को यदि जल्द कोई खरीदार नहीं मिला तो जून तक बंद हो सकती है, टुकड़ों में व्यवस्था करने से काम नहीं चलेगा। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है। इंडिया के भविष्य को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच अधिकारी ने कहा कि 12 छोटे विमान खड़े हैं, इन्हें फिर से चलाने के लिए पूंजी की जरूरत है।
कंपनी पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है और सरकार अभी भी विनिवेश के तौर-तरीकों पर काम कर रही है। खतरे की घंटी बजाते हुए अधिकारी ने कहा कि यदि जून तक खरीददार नहीं मिला तो एयर इंडिया का हाल भी जेट एयरवेज जैसा हो सकता है। अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि निजीकरण की योजनाओं के बीच सरकार ने कर्ज तले दबी कंपनी में और पूंजी निवेश करने से इनकार कर दिया है। इसकी वजह से एयरलाइन को 'किसी तरह' टुकड़ों में पूंजी की व्यवस्था करके काम चलाना पड़ रहा है। इसके लंबे समय तक चलने की संभावना नहीं है। सरकार कर्ज में फंसी कंपनी में और अधिक पैसे लगाने से इनकार कर चुकी है।
सरकार के मुताबिक, वित्त वर्ष 2011-12 से इस साल दिसंबर तक सरकार कुल 30,520.21 करोड़ रुपये इसमें लगा चुकी है। यूपीए सरकार ने 2012 में 10 साल के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की थी। अधिकारी ने कहा कि हमने संचालन आवश्यकताओं के लिए सरकार से 2,400 रुपये की मांग की थी, लेकिन सरकार ने केवल 500 करोड़ रुपये पर हामी भरी है।
अधिकारी ने कहा, 'हम इस समय किसी तरह से परिचालन कर पा रहे हैं और बहुत अच्छी सूरत में हम जून तक इस स्थिति को बनाये रख सकते हैं। यदि इस समय तक कोई खरीदार नहीं मिला तो हमें दुकान बंद करनी पड़ेगी। " उन्होंने कहा कि हमने परिचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार से 2,400 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी मांगी थी , लेकिन सरकार ने सिर्फ 500 करोड़ रुपये के लिए सरकारी गारंटी दी।
सरकार चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए रुचि पत्र जारी कर सकती है। अधिकारी के मुताबिक, खरीदार मिल जाने की सूरत में लेनदेन को पूरा करने में कम से कम छह महीने का समय लगेगा। बशर्तें की बिक्री की प्रकिया अगले महीने की शुरुआत में हो। अधिकारी ने 'आर्थिक स्थिति' को देखते हुए सरकार को निवेशक मिलने की बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं जताई है।