हुवावेई सहित सभी कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम देगी सरकार: प्रसाद
नई दिल्ली
सरकार ने हुवावेई सहित सभी टेलिकॉम कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम देने का फैसला किया है। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा, 'हमने सभी कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम देने का फैसला किया है।'
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि सरकार सभी टेलिकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम मुहैया करवाएगी। दूरसंचार विभाग (डीओटी) सभी टेलिकॉम सेवा प्रदाता को ट्रायल के लिए स्पेक्ट्रम प्रदान करेगी और ऑपरेटर एरिक्शन, नोकिया, सैमसंग और हुवावे को अपने पार्टनर वेंडर के रूप में चुन सकते हैं। हालांकि ट्रायल का मतलब यह नहीं होगा कि व्यावसायिक रूप में इसकी मंजूरी का आश्वासन दिया जाएगा। दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में एक बैठक की।
प्रसाद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि इस बारे में फैसला ले लिया गया है। उन्होंने कहा, '5G भविष्य है, यह रफ्तार है। हम 5G में नए इनोवेशन को प्रोत्साहन देंगे।' सूत्रों ने बताया कि हुवावेई सहित सभी ऑपरेटर और वेंडर इस परीक्षण में शामिल किए जाएंगे।
हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और अन्य टेलीकॉम सर्विसेज में भारत को दुनिया के बड़े देशों की बराबरी पर लाने के लिए सरकार 5G स्पेक्ट्रम की जल्द नीलामी की योजना बना रही है। इससे पहले इसी महीने डीओटी ने स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी की कीमत को मंजूरी प्रदान की जिसके तहत खासतौर से करीब 6,050 मेगाहर्ट्ज की एयर वेव्स यानी वायु तरंग की पेशकश की जाएगी। दूरसंचार मंत्रालय की सर्वोच्च नीति निर्माता निकाय डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन ने 20 दिसंबर को मार्च-अप्रैल में स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी प्रदान की। हालांकि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निर्धारित रेडियोवेव्स की आरक्षित कीमत में कोई बदलाव नहीं किया।
इस नीलामी के जरिए पहली बार 5जी स्पेक्ट्रम की बिक्री होगी। सूत्रों ने बताया कि ट्रायल रन के लिए चीन की बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी हुवावे को भी मंजूरी मिली है। दरअसल कंपनी वैश्विक स्तर पर जांच के घेरे में है इसलिए इसे मंजूरी मिलने को लेकर अटकलें चल रही थी जिस पर विराम लग गया है। सूत्रों ने बताया कि ट्रायल अगले महीने शुरू होने की संभावना है।