‘पाक चले जाओ’ पर रार, केशव प्रसाद मौर्य का SP को समर्थन, नकवी बोले- जांच हो
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मेरठ एसपी सिटी अखिलेश नारायण के वायरल वीडियो में पाकिस्तान चले जाओ वाले बयान पर कहा कि उन्होंने ऐसा सभी मुसलमानों के लिए नहीं कहा, लेकिन शायद उन लोगों के लिए कहा जो पत्थरबाजी करते हुए पाकिस्तान समर्थक नारे लगा रहे थे. ऐसी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति के लिए एसपी सिटी का बयान गलत नहीं है.
वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा, 'अगर मेरठ एसपी का बयान वाला वीडियो सच है तो निंदनीय है. उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा, 'हिंसा पुलिस की हो या भीड़ की, कतई स्वीकार नहीं की जाएगी. यह कृत्य लोकतांत्रिक देश का हिस्सा नहीं हो सकता. पुलिस को हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं, वो पीड़ित न हों.'
इससे पहले, बीजेपी नेता उमा भारती ने मेरठ एसपी के वीडियो पर कहा था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसको राजनीतिक मुद्दा बनाते समय यह मानवीय पक्ष भूल रहे हैं कि पुलिस वालों के भी परिवार होते हैं. देशभक्ति का जज्बा उनमें भी प्रबल होता है. ऐसे में इसको राजनीतिक मुद्दा बनाना इन दोनों भाई बहनों की घिनौनी साजिश है.
उन्होंने कहा था कि देश में शांति होने लगी है. उत्तरप्रदेश भी सामान्य स्थिति की ओर लौटने लगा है. इस स्थिति को कांग्रेस और वामपंथी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. यह वो लोग हैं जिन्होंने धर्म के नाम पर देश को बांटा, 1984 में हजारों सिखों को जिंदा जलाया और अब पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों के साथ खड़े हो गए हैं.
मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण के वायरल वीडियो को लेकर विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और असदुद्दीन ओवैसी ने जहां एसपी सिटी की आलोचना की, वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एसपी को बर्खास्त कर मुकदमा चलाने की मांग कर डाली.
प्रियंका गांधी ने शनिवार को मेरठ के अफसरों के विवादित बोल का वीडियो जारी करके बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश में सांप्रदायिकता का जहर इस कदर घोला है कि अफसरों में संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, "भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. बीजेपी ने संस्थाओं में इस कदर सांप्रदायिकता का जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है."
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने मेरठ एसपी सिटी अखिलेश नारायण के वायरल वीडियो को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है, साथ ही मेरठ एसपी सिटी को उन्होंने बर्खास्त करने की भी मांग की है.
मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ' उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सालों से मुसलमान रह रहे हैं. वो भारतीय हैं ना कि पाकिस्तानी. सीएए/एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान खासकर उत्तर प्रदेश के मेरठ एसपी सिटी द्वारा उनके प्रति साम्प्रदायिक भाषा/टिप्पणी अति निन्दनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है.'
उन्होंने कहा, 'ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिये और दोषी होने पर उनको तुरन्त नौकरी से बर्खास्त करना चाहिये. '
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद सोशल मीडिया पर एक अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अटपटे बोल बोलते हुए दिख रहे हैं. वीडियो एक मिनट 43 सेकेंड का है.
अफसर के हाथ में डंडा और हेलमेट है. प्रोटेक्टर जैकेट पहनकर गली में जाते दिखाई पड़ रहे हैं. एसपी सिटी ने वहां खड़े लोगों से कहा, 'जाना है तो चले जाओ पाकिस्तान भैया, खाओगे यहां का गाओगे कहीं और का'.
आगे उन्होंने गली में खड़े लोगों को धमकाते हुए कहा, 'यह गली मुझे याद हो गई है और याद रखना जब मुझे याद हो जाता है तो नानी तक मैं पहुंचता हूं, याद रखना आप लोग.'
इसके बाद वहां खड़े लोग उपद्रवियों के बारे में पुलिस से कहते सुनाई दे रहे हैं कि यह गलत बात है. लेकिन एसपी बार-बार लौटकर आकर लोगों से कह रहे हैं, 'इस गली में कुछ हो गया तो तुम लोग कीमत चुकाओगे, आना फिर.' साथ ही वह अभद्र भाषा और गालियां बोलते भी सुनाई दे रहे हैं.
इस वीडियो में एसपी सिटी और एडीएम यह भी बोल रहे हैं कि काला, पीला कपड़ा बांध कर ज्यादा बवाल कर रहे हो. एडीएम भी कह रहे हैं कि ज्यादा काले कपड़े का शौक है, सेकेंड लगेगा और सब कुछ यहां काला पड़ जाएगा, पूरी जिंदगी काली हो जाएगी.