धार्मिक भेदभाव हमारी टीम का कल्चर नहीं, मैंने एक-दो प्लेयर्स की बात की: अख्तर
नई दिल्ली
पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने दानिश कनेरिया पर दिए अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि कनेरिया को लेकर दिए गए उनके बयान को पूरी तरह गलत समझा गया। अख्तर ने कहा कि उनके बयान कि पूर्व लेग स्पिनर को उनके हिंदू धर्म से संबंध रखने के चलते कई लोग उन्हें टीम में नहीं देखना चाहते थे, को पूरी तरह गलत समझा गया। उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर किसी के साथ भेदभाव करना उनकी टीम का कल्चर नहीं है।
गुरुवार को अख्तर ने आरोप लगाया था कि टीम में कई ऐसे लोग थे जो कनेरिया को पाकिस्तानी टीम में नहीं देखना चाहते थे। चूंकि वह हिंदू धर्म को मानने वाले हैं। इसके बाद कनेरिया ने भी कहा था कि 'कुछ खिलाड़ी' थे जो उन्हें टारगेट करते थे, लेकिन उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव कभी नहीं बनाया गया।
शनिवार को पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक ने कहा कि उनकी टीम में कभी ऐसा नहीं था। इंजमाम ने कहा था कि कनेरिया ने सबसे ज्यादा क्रिकेट उनकी कप्तानी में ही खेला है।
अख्तर ने कहा, 'मेरे बयान को लेकर जो भी बवाल मचा मैं उसे देख रहा था। मेरे बयान को पूरी तरह गलत समझा गया।' अपने यू-ट्यूब चैनल पर अख्तर कने कहा कि टीम में 1-2 खिलाड़ियों ने कनेरिया को लेकर भेदभाव भरी टिप्पणी की लेकिन टीम के बाकी सदस्यों ने कभी इसे बढ़ावा नहीं दिया। और ऐसे खिलाड़ियों से सख्ती से निपटा गया।
उन्होंने कहा, 'हमारी टीम में एक अलिखित अनुबंध है कि हमें पाकिस्तान की ओर से खेलने वाले हर खिलाड़ी का सम्मान करना है। हालांकि कुछ खिलाड़ियों में इसे लेकर झिझक थी। यह हमारी टीम का कल्चर नहीं है। यह सिर्फ 1-2 खिलाड़ियों की बात है और इस तरह खिलाड़ी हर टीम में होते हैं तो नस्लभेदी टिप्पणियां करते हैं।'
अख्तर ने कहा, 'एक समाज के तौर पर हमें ऐसे व्यवहार को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। मैं भी अपने समाज से आया हूं और मैंने यही किया। मैंने कनेरिया पर टिप्पणी करने को साफ कह दिया कि उठाकर बाहर फेंक दूंगा। क्योंकि यह हमारा कल्चर नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'एक देश के नाते हमें इस तरह के भेदभाव पूर्व विचारों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। हमने भी ऐसा ही किया। बीते 10-15 साल में हम एक समाज के तौर पर काफी बेहतर हुए हैं।'
कनेरिया की तारीफ करते हुए अख्तर ने कहा: 'दानिश ने पाकिस्तान को कई मैच जितवाने में मदद की। दानिश ने 10 साल तक पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला। उन्हें मुश्ताक अहमद पर तरजीह दी गई। मुझे अब भी लगता है कि उसका करियर दो साल पहले शुरू होना चाहिए था।'
कनेरिया ने शनिवार को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और सरकार पर ताजा आरोप लगाते हुए कहा था कि बैन होने के बाद उन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली।
पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट मैचों में 261 विकेट लेने वाले कनेरिया को इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा स्पॉट फिक्सिंग में संलिप्त पाए जाने के बाद आजीवन प्रतिबंधित किया गया है।
कनेरिया ने शनिवार को टि्वटर पर कहा, 'सच बात यह है कि बैन और मेरे स्वीकार कर लेने के बाद मुझे पाकिस्तानी सरकार और बोर्ड, कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली। वहीं ऐसे ही कुछ खिलाड़ी दोबारा पाकिस्तान की ओर से खेले और पीसीबी ने उन्हें सम्मानित किया। इस पर अगर सोचा जाए तो शोएब अख्तर का दावा सही साबित होता है।'
अख्तर ने आगे कहा कि उन पर ईसीबी ने बैन लगाया न कि धर्म के आधार पर पाकिस्तान ने। उन्होंने कहा, 'दानिश कनेरिया को पाकिस्तानी टीम ने कभी अकेला नहीं छोड़ा। उन्हें ईसीबी के कारण टीम से ड्रॉप किया गया। उनके साथ मैच-फिक्सिंग की समस्या थी और ईसीबी ने उन्हें सजा दी थी। पाकिस्तान ने उनके साथ कुछ गलत नहीं किया।'