November 22, 2024

स्वास्थ विभाग है शमशान विभाग और मंत्री हैं अघोरीः अमित जोगी

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  • छ महीनों में साढ़े तीन हजार नवजातों और महिलाओं की मौत सरकारी नरसंहार।
  • मंत्री और मुख्यमंत्री में थोड़ी भी शर्म तो तत्काल सार्वजनिक जीवन त्यागें और हत्या का जुर्म कबूलें।

जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर , छत्तीसगढ़ में पिछले ६ महीनों में 3184 नवजात बच्चों और 221 माताओं की मृत्यु पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए मरवाही विधायक अमित जोगी ने कहा कि राज्य का स्वास्थ विभाग और विभागीय मंत्री निकम्मेपन का वृहद प्रतीक हैं। सरकारी रिपोर्ट के ये भयावह आंकड़ें यही बताते हैं स्वास्थ विभाग शमशान विभाग बन चुका है। जहाँ आदमी ठीक होने नहीं बल्कि मरने जा रहा है। जोगी ने कहा कि वहीँ मंत्री अपने विभाग को दुरुस्त करने की जगह, एक अघोरी की भूमिका निभा रहे हैं।  छह माह में साढ़े तीन हजार से ज्यादा मौतों को सरकार नरसंहार की संज्ञा देते हुए अमित जोगी ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ मंत्री से सार्वजनिक जीवन त्यागने और हत्यों की जिम्मेदारी लेने की मांग की। जोगी ने कहा कि डॉ रमन सिंह देश के पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके जिले राजनांदगांव में सबसे ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं, सबसे ज्यादा किसान आत्महत्याएं हैं, पिछले छह महीनों में नवजातों और महिलाओं की मौत के मामले में भी मुख्यमंत्री का जिला सरगुजा और कांकेर के बाद तीसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ में कुशासन का इससे बड़ा उदहारण और क्या हो सकता है।
जोगी ने स्वास्थ विभाग की दुर्दशा के विषय में बताते हुए कहा कि एक ओर सरकार शिशु मृत्यु दर कम होने और प्रसूताओं को महतारी जतन योजना के माध्यम से पौष्टिक आहार प्रदान करने का दंभ भर रही है, जबकि जमीनी हकीकत इसे कोसों दूर है। आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार नहीं मिलने पर महिला और बाल विकास विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करते हुए जोगी ने कहा कि जिस महतारी जतन योजना का मुख्यमंत्री ने बड़े जोर शोर से कोरिया से शुभारम्भ किया था आखिर क्यों उसे धरातल पर सही तरीके से क्रियान्वित नहीं किया जा रहा? प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, बढती हुई शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर सरकारी नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। मुख्यमंत्री की फोटो राजनीति ने छत्तीसगढ़ में शासन की दुर्गति कर दी है।
जोगी ने कहा कि जनांदोलन के माध्यम से नवजातों और माताओं की हत्याओं के दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

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