15 साल से रमन पीड़ित रहे आदिवासियों के मन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने विश्वास पैदा करने में सफलता हासिल की :धनंजय सिंह ठाकुर
रायपुर/28 दिसंबर 2019। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव को लेकर भाजपा नेताओं के लिए द्वारा की जा रही टीका टिप्पणी पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार में 15 साल से रमन पीड़ित रहे आदिवासियों के मन में विश्वास पैदा करने में सफलता हासिल की है। नक्सलवाद का दंश झेल रहे आदिवासी रमन शासनकाल में निरंतर प्रताड़ित होते रहे हैं। रमन सरकार में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोजगार जैसे विषयों में आदिवासी वर्ग पिछड़ते गये। पूर्व की रमन सरकार ने दमनकारी नीति, शोषणकारी विचारधारा के साथ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के नियत से प्राकृतिक प्रेमी आदिवासी वर्ग के अधिकारों का निरंतर हनन किया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पूर्व में आदिवासियों से छीनी गई जमीन को लौटाने का काम किया, उनको मालिकाना हक वापस लौटाया। तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 से बढ़ाकर 4000 प्रति बोरा किया। 15 वनोपज को समर्थन मूल्य में खरीदने की नीति तय की गई। हाटबाजार क्लीनिक मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान बस्तर क्षेत्र के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की व्यवस्था के साथ रोजगार मूलक कार्यों का मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगाने शुभारंभ कर एवं जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को जेल से बाहर निकालने कमेटी गठित करने बस्तर प्राधिकरण में स्थानीय को नेतृत्व देना जैसे आदिवासी वर्ग के उत्थान के कार्यों के कारण आदिवासी वर्गों में सरकार के प्रति विश्वास पैदा हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के 1 साल के अच्छे काम के कारण ही नक्सल गतिविधियों में भी कमी आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जहां 2018 में 89 आम नागरिक मारे गये थे, वही 2019 में घटकर 46 हुई 48.3 प्रतिशत की कमी हुई। 2018 में 53 पुलिस के जवान शहीद हुए थे, जो घटकर 2019 में 19 जवानों की शहादत हुई है 64.15 प्रतिशत की कमी आई है। आईईडी एक्सप्लोसन विस्फोट 2018 में 77 हुये थे, घटकर 41 हुए विस्फोट की घटना में 46.75 प्रतिशत की कमी हुई। हथियारबंद डकैती 2018 में 56 हुई थी जो घटकर 2019 में 55.35 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सल एनकाउंटर 2018 में 166 हुए थे, 2019 में घटकर 112 हुई है। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या में आई कमी से स्पष्ट होता है कि नक्सल मोर्चे पर अंकुश लगाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार कामयाब हुई है।